चूरू ,जितेश सोनी । जिला नर्सिग प्रशिक्षण केन्द्र, में एक दिवसीय मातृ स्वास्थ्य तकनिकी गति विधिया आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ सुनील जान्दू ने कहां कि नवीन मार्ग दशीका की जानकारी से गर्भवती महिला के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता हैं जो मातृ मृत्यु को कम करने में सहायक साबित होगा। कार्यशाला में स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅं सगीता तेतरवाल ने प्रसव पश्चात रक्त श्राव की पहचान व गर्भावास्था में उच्च रक्त चाप, हाईपोथाईराडिजम की जानकारी दी। प्रशिक्षक बजरंग हर्षवाल ने गर्भावस्था के दोरान कैल्सियम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुये बताया कि प्रत्येक गर्भवती महिला को गर्भावस्था के तीसरे महिने पश्चात लगातार 500 एम जी केल्सियम की गोलियों दिन में दो बार लेनी चाहिये। स्तनपान की अवधि में भी तीन माह तक केल्सियम की गोलिया लेनी चाहिये। कार्यशला में जेपाईगो के सलाहकार डाॅं महेन्द्र कोले ने नवीन मार्गदर्शिका की जानकारी देते हुये मातृ स्वास्थ्य के परिद्ष्य पर प्रकाश डाला। माईक्रो बायोलोजिस्ट भावेश ने स्फिलीश व एचआईवी की जांच के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में जिले भर के प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यशाला में जेपाईगो कार्यक्रम अधिकारी विल्सन मैथ्यू, योगेश सिंह, हेमराज शर्मा, मोहम्मद शाहिद, डाॅ राजेश कुमार, डाॅ तृप्ति मील, डाॅ सुनील सहारण डाॅ विजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।