चूरू.डाईट में चल रहे मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए मार्गदर्शिका आधारित प्रशिक्षण में शिक्षकों को संबोधित करते प्राचार्य गोविन्द सिंह राठौड़

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हैलो बीकानेर न्यूज नेटवर्क, चूरू, जगदीश सोनी, hellobikaner.com  प्रारंभिक शिक्षा में प्रभावशाली और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण की सुनिश्चित करने के लिए डाइट में तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। 9 जनवरी से 11 जनवरी तक मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए मार्गदर्शिका आधारित प्रशिक्षण में जिले के प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण करने वाले चालीस शिक्षक भाग ले रहे हैं।

 

 

संभागियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य गोविन्द सिंह राठौड़ ने कहा कि आनन्ददायी शिक्षण से अधिगम प्रक्रिया तीव्र होती है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा का प्रयोग करते हुए बच्चों के परिवेश में घुलमिल कर शिक्षण कैसे करें, इस पर ध्यान दें। प्रभागाध्यक्ष कुसुम शेखावत ने कहा कि प्रारंभिक कक्षाओं में प्रभावी शिक्षण ही बच्चों का भविष्य निर्धारित करता है।

 

 

सीएमडीई प्रभारी बजरंगलाल मीना ने नई शिक्षा नीति के प्रावधानों की जानकारी दी। संदर्भ व्यक्ति राजेन्द्र कुमार शर्मा ने मातृभाषा एवं स्थानीय बोली के महत्व को शिक्षण प्रक्रिया से जोड़ते हुए विषयवार शिक्षण सामग्री पर चर्चा की। सेवानिवृत्त उप प्राचार्य रवीन्द्र शर्मा ने छोटे बच्चों के शिक्षण में संवेदनशीलता और शिक्षकों के स्वाध्याय पर बल दिया।

 

 

ई. टी. प्रभागाध्यक्ष नरेन्द्र उपाध्याय ने शिक्षण कार्य में तकनीक के प्रयोगों की जानकारी दी। व्याख्याता पीयूष शर्मा, उपप्राचार्य सुमेर सिंह सिरोवा, विजयलक्ष्मी शेखावत, डॉ. सत्यनारायण स्वामी और सेवानिवृत्त डॉ. श्यामसुन्दर कौशिक ने भी विचार व्यक्त किये। प्रशिक्षण के दौरान चालीस सम्भागी शिक्षक उपस्थित थे। शिक्षकों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बच्चों की क्षेत्रीय भाषा में अभिव्यक्ति का स्वागत करने पर सहमति व्यक्त की।

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