Share

एक भारतीय की भविष्यवाणी पर पाकिस्तान टेंशन में आ गया है. भारतीय बाबू कलायिल ने भविष्यवाणी की थी कि दिसंबर में हिंद महासागर में भूकंप और सुनामी आएगी, जिसकी चपेट में भारत-पाकिस्तान सहित 7 देश होंगे. कलायिल ने दावा किया कि उसने अपनी छठी इंद्री की मदद से इस खतरे का पता लगाया है और इस संबंध में उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत भी लिखा है. भारत के मीडिया में उसकी इस भविष्यवाणी का तो मजाक उड़ा, लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने इसे गंभीरता से लिया. आनन-फानन में हिंद महासागर में भूकंप की पूर्व चेतावनी के बाद उससे निपटने के लिए 6 नवंबर को एक बैठक भी बुला ली और सभी सरकारी संस्थानों को उससे निपटने की तैयारी करने का आदेश भी दे डाला.

पाकिस्तान की टॉप इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई ने भूकंप पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्राधिकरण (ERRA) को अलर्ट किया है. पाकिस्तान में यह संस्थान आपदा प्रबंधन के लिए एहतियाती उपाय करता है. सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा एक पत्र भी तेजी से फैल रहा है जिसमें ERRA के कार्यवाहक प्रमुख स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को इस मामले में निर्देश दे रहे हैं.

ERRA के पत्र में लिखा गया है- आईएसआई के डीजी द्वारा एक जानकारी वाली रिपोर्ट मिली है जिसमें कहा गया है कि हिंद महासागर में बड़े पैमाने पर एक भूकंप आ सकता है, जिससे एशियाई महाद्वीप में स्थित देशों को नुकसान पहुंच सकता है, इसमें पाकिस्तान भी है. इसलिए संबंधित विभाग को चिंतनशील बनाए रखने और प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखकर कार्य करने की जरूरत है.

पत्र में आगे लिखा गया है कि 6 नवंबर 2017 को SOP को ERRA के कार्यवाहक प्रमुख के समक्ष रखना होगा. हालांकि हम बता दें कि अभी तक इस भविष्यवाणी को कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं मिला है. वहीं, भूकंप के पूर्वानुमान की कोई तकनीक अभी तक नहीं है. इससे पहले, भारत में 26 दिसंबर 2004 को भीषण सुनामी आई थी.

इससे पहले, पाकिस्तानी मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. गुलाम रसूल ने बताया था कि आईएसआई की तरफ से इस तरह की खबर मिलने के बाद पाक के कई सरकारी संस्थान हिंद महासागर में संभावित भूकंप और उसके प्रभाव से सुरक्षित रहने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय नागरिक की भविष्यवाणी के मुताबिक यह भूकंप पाकिस्तान से 500 किमी दूर आएगा और इससे पाकिस्तान को कोई खतरा नहीं है. साभार : इंडिया डॉट कॉम

About The Author

Share

You cannot copy content of this page