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जयपुर।  राजस्थान में फिर से एक बार सियासी हलचल बढ़ गई है। गहलोत सरकार को भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के दो विधायकों ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार गिराने की साजिश होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा राजस्थान और महाराष्ट्र में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार गिराने की कोशिश कर सकती है।

पंचायत चुनाव में कांग्रेस के परिणाम उम्मीद अनुसार नहीं आये। साल 2020 की शुरुआत में जब उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने नाराजगी जताई थी, तब बीटीपी के दोनों विधायकों ने अशोक गहलोत सरकार का समर्थन किया था।

डूंगरपुर जिले के पंचातयीराज चुनाव में भारतीय ट्राईबल पार्टी समर्थित प्रत्याशी की हार के बाद लोगों ने तो यहाँ तक कह दिया था की राजस्थान में बीजेपी औऱ कॉंग्रेस ने मिलकर लोकतंत्र को लोकतंत्र ना रहने दिया।

https://twitter.com/AshrafFem/status/1337116604476223490

कई लोगों को हैडलाइंस पढ़कर यक़ीन नहीं होगा लेकिन यही वास्तविकता है..! एक क्षेत्रीय आदिवासी पार्टीभारतीय ट्राइबल पार्टी” को हराने के लिए इस देश की दो सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टियाँ भाजपा और कांग्रेस एक हो गयी..!

वैसे बीटीपी के दोनों विधायकों के समर्थन वापस लेने से गहलोत सरकार पर फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि पार्टी के पास राज्य में पूर्ण बहुमत है। दरअसल, राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटे हैं, जिनमें 118 सीटें गहलोत सरकार के पास हैं, जिनमें कई निर्दलीय विधायक भी हैं। हालांकि, बीटीपी के इस समर्थन वापसी का असर आगामी विधानसभा उपचुनाव में नजर आ सकता है।

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