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बीकानेर, राजेश ओझा, hellobikaner.in राजस्थान की राजनीती में पिछले कुछ दिन बहुत महत्वपूर्ण रहे है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अपने मंत्रीमंडल में कुछ ऐसे चेहरों को जगह दिन है जो पार्टी के लिए आगामी विधानसभा सभा और लोकसभा चुनाव में मददगार साबित हो सकते है।

राजस्थान में भाजपा अभी विपक्ष की भूमिका निभा रही है और केंद्र ने प्रदेश की कमान सतीश पूनिया को सौप रखी है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अभी धार्मिक यात्रा पर है लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ इस यात्रा को राजनीतिक मायने से देखते है। पूनियां और राजे में समर्थक लगातार शक्ति प्रदर्शन करते नज़र आ रहे है। लेटर पेड़ का मुद्दा तो आपको याद ही होगा । कुल मिलकर राजस्थान में भाजपा में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

कांग्रेस की बात करें तो आलाकमान ने सारी गुटबाजी को ख़त्म करने इशारा कर दिया है जैसा की कांग्रेस के नेताओं की बयानों से लग रहा है। राजस्थान में कांग्रेस ने मंत्रिमंडल में एक नया चेहरा उतारा है उस चेहरे को विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों की तैयारी के तहत मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है ऐसा प्रतीत हो रहा है। गोविन्द राम मेघवाल को कैबिनेट मंत्री बनाकर 2008 से लगातार लोकसभा सीट पर काबिज अर्जुनराम मेघवाल का विकल्प के रूप में सामने लाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दांव खेला है।

जानकारों का कहना है की कांग्रेस नेता मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बाद गोविन्द मेघवाल के सहारे कांग्रेस पार्टी राजस्थान के श्रीगंगानगर, नागौर, बीकानेर और चूरू के एससी वर्ग के वोटरों को अपनी ओर खीचने की कोशिश कर रही है।

ऐसे में राजनीतिक जानकारों का कहना है की कांग्रेस गोविन्द राम मेघवाल के रूप में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का विकल्प तलाश रही है। बड़ी बात यह भी है की बीकानेर से कांग्रेस के तीनों विधायक अब राजस्थान सरकार में मंत्री बने हुए है।

 

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