जयपुर। राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को राजस्थान मंत्री वेतन (संशोधन) विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया।
मुख्यमंत्री की ओर से संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक लाने के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि कई बार भूतपूर्व मंत्री उनको आवंटित सरकारी निवास निर्धारित समयावधि पूरी हो जाने के बाद भी खाली नहीं करते, इससे नवनियुक्त मंत्रियों को यथोचित आवास आवंटित करने में कठिनाई होती है।
धारीवाल ने कहा कि निर्धारित समयावधि पूरी हो जाने के बाद सरकारी निवास खाली नहीं करने पर भूतपूर्व मंत्रियों द्वारा निवास के उपयोग और अधिभोग के लिए नुकसानी के रूप में हर महीने पांच हजार रुपये तक राशि देने का ही उपबंध है। उन्होंने कहा कि यह राशि बहुत कम है इसलिए यह प्रस्ताव किया गया कि यदि भूतपूर्व मंत्री पूर्व निर्धारित समयावधि पूरी होने पर भी सरकारी निवास खाली नहीं करता तो उसे निवास के उपयोग और अधिभोग के लिए 10 हजार रुपये प्रतिदिन की दर से नुकसानी देनी होगी। संशोधन में सभी प्रकार के मंत्री दर्जे शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह विधेयक इसलिए लाया गया है ताकि नए नियुक्त मंत्रियों को समय पर निवास आवंटित हो सकें।
इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने हेतु परिचालित करने के संशोधन प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।