बीकानेर, 11 से 16 नवंबबर तक चलने वाले यात्रामय संगीत-उत्सव ‘राजस्थान कबीर यात्रा- 2016 की तैयारियों को लेकर कार्यक्रम आयोजक गांवों में बैठकों का दौर-दौरा लगातार जारी है।
बीकानेर पुलिस और लोकायन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संत दुलाराम कुलरिया परिवार के आर्थिक सौजन्य से आयोजित होने जा रही इस यात्रा के संबंध में श्रीडूंगरगढ़, नोखा, राववाला, नापासर और कोलायत में हुई आयोजन समितियों की बैठकों में सदस्यों ने कार्यक्रम की तैयारी के सभी पक्षों पर विस्तार से चर्चा की। ‘राजस्थान कबीर यात्रा- 2016 के संयोजक जयदीप उपाध्याय ने बताया कि इन बैठकों में ग्रामीण क्षेत्र के लोगो की अधिकाधिक भागीदारी, वाणी गायकों, कलाकारों और लगभग 300 की संख्या में देश-विदेश से आकर शामिल होने वाले सहयात्रियों के भोजन एवं आवास की व्यवस्थाओं, यातायात प्रबंधन तथा कार्यक्रम स्थल की रूप-रचना को लेकर सदस्यों ने अपने विचार रखे।
ज्ञातव्य है कि विरासत संरक्षण एवं लोक-संस्कृति को समर्पित लोकायन संस्थान ने राजस्थान कबीर यात्रा के पहले संस्करण का आयोजन फरवरी 2012 में किया था जिसे व्यापक लोकप्रियता मिली थी। यात्रा के मौजूदा संस्करण में 11 नवंबर को वेटरिनेरी विश्वविद्यालय परिसर स्थित दीवाने-आम से सांयकाल शुरू होने वाली यात्रा 12 नवंबर को श्रीडूंगरगढ़, 13 नवंबर को राववाला, 14 नवंबर को श्री कोलायत, 15 नवंबर को मूलवास (नोखा) में कबीर-वाणी केन्द्रित संगीत-सभाओं के आयोजन पश्चात 16 नवंबर को पुन: बीकानेर पहुँचेगी।
‘राजस्थान कबीर यात्रा- 2016 के निदेशक गोपालसिंह चौहान ने बताया कि यात्रा की उद्घाटन-संध्या में प्रख्यात उर्दू दास्तानगो अंकित चड्ढा संत कबीर के व्यक्तित्व-कृतित्व पर आधारित ‘दास्तान ढाई आखर की शीर्षक से दास्तानगोई पेश करेंगे। इसी शाम जैसलमेर के महेशाराम, मालवा (मध्यप्रदेश) के कालूराम बामनिया और बीकानेर की गवरादेवी कबीर और अन्य संतो की निर्गुण वाणियों का गायन प्रस्तुत करेंगे। 11 नवंबर को सवेरे 11:00 बजे कबीर यात्रा का समारंभ-सत्र होगा जिसमें प्रख्यात राजस्थानी साहित्यकार पद्मश्री सीपी देवल ‘राजस्थानी में कबीर की व्याप्ति विषय पर एक व्याख्यान देंगे तथा उपस्थित श्रोताओं के साथ परिसंवाद करेंगे। चौहान ने बताया कि यात्रा को लेकर बीकानेर के स्थानीय वाणी कलाकारों में भी विशेष उत्साह देखा जा रहा है.