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राजस्थान का पर्यटन विभाग व राजस्थान फाउंडेशन ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका..

कोलकाता hellobikaner.in देश का अहम पर्यटन स्थल है राजस्थान। साल्ट लेक लोकसंस्कृति “आपणो गांव” राजस्थानी मेला का यहां आयोजन राजस्थानी कल्चर पर फोकस करते हुए पिछले 20 वर्षों से किया जा रहा है। राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग, राजस्थान फाउंडेशन ने राजस्थानी थीम को देखते हुए न केवल राजस्थानी कलाकारों को परफॉर्म करने का यहां मौका दिया बल्कि संगीत से लेकर खाना तक राजस्थानी रखकर लोगों को अपनी माटी से जोड़ने का संदेश भी दिया।

 

मौका था राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश, पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, पर्यटन सचिव गायत्री राठौड़, राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव, पर्यटन निदेशक निशांत जैन के मार्ग निर्देशन में कोलकाता के निको पार्क में लोक संस्कृति महोत्सव (मेला) का। जहां नववर्ष के मौके पर राजस्थानी संस्कृति एक बार फिर साकार हो उठी। पर्यटन विभाग के कोलकाता प्रभारी अधिकारी व सूचना केंद्र के सहायक निदेशक हिंगलाजदान रतनू ने बताया कि दर्शक और आगन्तुक राजस्थानी कलाकार टीम सुरेश व्यास, मांगणियार ग्रुप, दीपू कोहली, राज की प्रस्तुतियों पर पर झूम उठे। किसी भी मेले में चटपटे और स्वादिष्ट व्यंजनों का खान-पान सबसे ज्यादा संतुष्टि प्रदान करता है। इसी को ध्यान में रख इस बार फूड कोर्ट के लिए ज्यादा जगह दी गई। रतनू ने आयोजकों संदीप गर्ग, राजकुमार गुप्ता, मदन गोपाल राठी, कमलेश केजरीवाल, किशोर कुमार शर्मा, प्रेम झंवर, विश्वनाथ चांडक सहित आयोजन में शरीक हुए सभी लोगों का आभार जताया जिन्होंने इतने शानदार आयोजन में अपनी महती भूमिका निभाई।

लोक संस्कृति महोत्सव में ये दी गयी प्रस्तुतियां…
कोलकाता के निको पार्क में नव वर्ष के मौके पर सप्तदिवसीय लोक संस्कृति महोत्सव (मेला) में राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग, राजस्थान फाउंडेशन के संयुक्त सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में बाड़मेर के अंतराष्ट्रीय लोक कलाकार भूंगर खान मांगणियार एवं ग्रुप द्वारा श्री गणेश वंदना के बाद आल आर्टिस्ट द्वारा धरती धोरां री, चरी नृत्य, मंजीरा नृत्य, सुरेश व्यास द्वारा भवई नृत्य, घूमर नृत्य, मोरिया नृत्य, हनुमान चालीसा, शिव तांडव, कालबेलिया, सूफी नृत्य, राधा कृष्ण में युगल नृत्य और फूल वाली होली प्रस्तुत्तियों ने लोगों का खूब मनोरंजन किया।

6 बनाई चोखी ढ़ाणी, राजसी जीमणवार के साथ सत्कार भी
लोगों को अंग्रेजी नये साल में पाश्चात्य संस्कृति की बजाय अपनी मूल संस्कृति से जोड़े रखने के उद्देश्य से आयोजित अद्भुत, अनूठे आयोजन में राजस्थान के चोखी ढ़ाणी (करणी जी ढाणी, मोनल गौरी ढाणी, लाखन जी ढाणी, बालम जी ढाणी, छैल भंवर जी ढाणी, ढोला मारू जी ढाणी) की तर्ज पर राजसी जीमणवार ने आये लोगों को बाकायदा सत्कार के साथ आनंद भी दिलाया।

रतनू के नेतृत्व में राजस्थानी प्रस्तुतियों की आयोजकों ने की जमकर तारीफ…
लोक संस्कृति मेले के उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि राजस्थान फाउण्डेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव रहे थे और समापन सत्र राजस्थान पर्यटन एवं राजस्थान फाउण्डेशन के सोजन्य से राजस्थान की लोक संस्कृति को महानगर कोलकाता के निको पार्क के मुक्ताकाश मंच पर राजस्थान पर्यटन विकास निगम कोलकाता के प्रभारी अधिकारी एवं सहायक निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग कोलकाता हिंगलाजदान रतनू के नेतृत्व में सफ़ल रहा। हजारों की संख्या में उपस्थित मारवाङी समाज एवं आयोजन समिति ने धीरज श्रीवास्तव और हिंगलाजदान रतनू की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

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