जयपुर hellobikaner.com संसदीय कार्य मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने गुरूवार को विधानसभा में गृहमंत्री की ओर से कहा कि प्रदेश में हनीट्रेप के दर्ज प्रकरणों में तीव्र कार्यवाही की गई है और हनीट्रेप के प्रकरणों की रोकथाम के लिए व्यापक कदम उठाये जा रहे हैं जिसके फलस्वरूप हनीट्रेप के मामलों में कमी आई हैं।
धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हनीट्रेप के प्रकरणों की रोेकथाम हेतु जिला स्तर पर कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि एसओजी द्वारा अवैध शराब व अवैध हथियार जैसे 18 संगठित अपराधों की पहचान की गई है और उसकी एसओपी तैयार की गई है। इस प्रक्रिया से हनीट्रेप के मामलों में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि हनीट्रेप के प्रकरणों की रोेकथाम हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस द्वारा नियमित निगरानी, सूचना संकलन कर संदिग्धों की नियमित व आकस्मिक चैकिंग की जाती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए बीट इन्चार्ज व बीट हेड कॉंस्टेबल को जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में संदिग्ध व्यक्ति या महिला पर निगरानी रखें और तुरन्त सूचना दें, ताकि समय पर इन पर रोक लगाई जा सके।
धारीवाल ने कहा कि एक दिसम्बर 2018 से 31 जनवरी 2020 तक हनीट्रेप के 30 मामले दर्ज हुये। इन मामलों पर तीव्र गति से काम करते हुये 21 मामलों में चालान पेश किया गया तथा 95 व्यक्ति गिरफ्तार किये गये। इनमें से एक प्रकरण में एफआर दर्ज की गई और मात्र 8 मामले लम्बित हैं। इसी प्रकार एक जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2020 तक हनीट्रेप के 17 प्रकरण दर्ज किये गये, जिनमें 9 में चालान पेश कर 43 व्यक्ति गिरफ्तार किये गये, एक प्रकरण में एफआर दर्ज की गई और अब केवल 7 मामले ही लम्बित हैं।
इससे पहले विधायक कालीचरण सराफ के मूूल प्रश्न के लिखित जवाब में धारीवाल ने बताया कि प्रदेश में एक दिसम्बर, 2018 से 31 जनवरी, 2020 तक हनीट्रेप के कुल 30 प्रकरण दर्ज हुए हैं। उन्होंने जिलेवार संख्या सूची का विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि एक जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2020 तक जयपुर, जोधपुर, अजमेर संभाग में हनीट्रेप के कुल 17 प्रकरण दर्ज हुए हैं। जिनमें से एक प्रकरण में एफ.आर व 9 प्रकरणों में चार्जशीट दी गई तथा 7 प्रकरणों में अनुसंधान जारी है। जांच के बाद 27 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जाकर चालान न्यायालय में पेश किया गया है। उन्होंने इसका तथा हनीट्रेप जैसे अपराधों की रोकथाम हेतु उठाये जा रहे कदमों का विवरण सदन के पटल पर रखा।