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टेलीकॉम ट्रिब्यूनल से आज मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो को बड़ी राहत दी है। ट्रिब्यूनल ने आज ट्राई के उस आदेश को बरकरार रखा है जिसमें उसने जियो के फ्री ऑफर्स को 90 दिनों के बाद भी जारी रखने के निर्णय को सही बताया था। लेकिन इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने ट्राई को एक गाइडलाइन बनाने को कहा है जिसमें इस तरह के मामलों को जांचा जा सके।

अब फ्री ऑफर ऐसे होंगे लॉन्च

ट्राई जब तक इस तरह के गाइडलाइन न जारी करे तब तक टेलीकॉम ट्रिब्यूनल ने किसी भी ऑपरेटर को फ्री सर्विस लॉन्च करने से पहले ट्राई से पूर्व अनूमति लेने को कहा है। बता दें कि अभी तक टैरिफ प्लान लॉन्च करने के लिए कंपनियों को किसी तरह की पूर्व अनुमति लेने की जरूर नहीं थी। कंपनियों को अपनी तरफ से टैरिफ की शर्तें और उसके दाम तय करने का पूरा अधिकार था और उन्हें इसे लॉन्च करने के 7 दिन के भीतर ट्राई को बताना होता था।

एयरटेल और आइडिया ने की थी अपील

बता दें कि जियो ने पिछले साल 5 सितंबर को अपनी औपचारिक मुफ्त सेवाओं को लांच किया था और दिसंबर में उसने अपने मुफ्त ऑफर्स को 31 मार्च 2017 तक बढ़ाने की घोषणा कर दी थी। जियो के इस एलान के बाद एयरटेल और आइडिया ने जियो को फ्री ऑफर 90 दिनों के बाद भी जारी रखने की अनुमति देने के लिए ट्राई के खिलाफ टीडीसैट में अपील की थी। दोनों कंपनियों ने ट्राई की यह कहकर आलोचना की कि जियो नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है और ट्राई कुछ नहीं कर पा रहा है। इससे पहले ट्राई ने 31 जनवरी को कहा था कि जियो का फ्री वॉयस कॉलिंग और डेटा प्लान गलत नहीं है।

ट्राई ने जियो के पक्ष में दी थी ये दलील

साथ ही ट्राई ने यह भी कहा था कि जांच में जियो की ओर से 4 दिसंबर, 2016 को जारी किया गया ‘हैपी न्यू इयर ऑफर’ पहले वाले ‘वेलकम ऑफर’ से अलग है। इसलिए अब हैपी न्यू इयर ऑफर को वेलकम ऑफर का विस्तार नहीं माना जा सकता क्योंकि दोनों के ग्राहकों को दिए जाने वाले फायदो में अंतर है। आपको बताते चले कि जियो ने बीते साल 1 अप्रैल तक अपने यूजर्स को फ्री में सर्विस दी थी।

साभार : वन इंडिया डॉट कॉम

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