संवेदनशील मन ही बेहतर सृजन कर सकता है : देवल
हैलो बीकानेर। पद्मश्री डॉ.चंद्रप्रकाश देवल ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी कथा-पीठ है, वैसे तो कविता का जन्म भी भारत में ही हुआ है लेकिन कहानी की एक समृद्ध परंपरा है। इस परंपरा में जब एक कहानीकार 2017 में कलम उठाता है तो निश्चय ही यह जिज्ञासा का विषय होना चाहिए कि वह नया क्या लिख रहा है। एक संवेदनशील मन ही बेहतर सृजन कर सकता है और ऋतु शर्मा सृजन की इस कसौटी पर अपने कहानी संग्रह के साथ खरी उतरती है। धरणीधर रंगमंच पर कवयित्री-कहानीकार ऋतु शर्मा के कहानी संग्रह ‘वजूद का रंग और अन्य कहानियां’ का लोकार्पण करते हुए डॉ.देवल ने यह विचार व्यक्त किए। गायत्री प्रकाशन की ओर से प्रकाशित इस कृति के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि यह समय जब मनुष्य संवेदनाशून्य, लालची और क्रूर बनता जा रहा है, संवेदना ही एक मात्र वह तत्त्व है जो उसे वापस मनुष्यता की ओर लौटा सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व महापौर भवानीशंकर शर्मा ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बीकानेर में जिस तरह का माहौल बन रहा है, उससे यह विश्वास दृढ़ हो रहा है कि आने वाले समय में बीकानेर की पहचान फिर से साहित्य के केंद्र के रूप में होगी। उन्होंने कहा कि रचनात्मकता से ही समाज का विकास संभव है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कथाकार संगीता सेठी ने कहा कि कहानी में जोडऩे की अदम्य क्षमता है। यह एक ऐसा माध्यम से है जो व्यक्ति से व्यक्ति को जोड़ता है, यह एक ऐसी विधा है जो वैश्विक स्तर पर हमें जोड़ सकती है। उन्होंने कहा कि कहानियों में छोटे-छोटे विषयों को उठाना ही सही अर्थों में जन तक सृजन पहुंचाना है।
कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार, साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने इस मौके पर कहा कि ऋतु शर्मा की कहानियों में संवेदना और यथार्थ का एक ऐसा गुम्फन है जो सामान्य व्यक्ति को भी अपना-सा लगता है। एक कथाकार के रूप में ऋतु ने जो लिखा है वह संभावनाएं जगाता है। उन्होंने कहा सही अर्थों में जन तक सृजन की अवधारणा ही यह है कि हम साहित्य में आम व्यक्ति से उसकी भाषा में बात करे।
इस अवसर पर पत्रवाचन करते हुए उर्दू-हिंदी रचनाकार सीमा भाटी ने कहा कि ऋतु शर्मा की कहानियां अहसास और तजुर्बे के अफसाने हैं। बहुत ही बारीक विषयों को उठाना और फिर उन्हें एक मकाम तक पहुंचाना ऋतु शर्मा की कहानियों की विशेषता है। कहानीकार ऋतु शर्मा ने इस अवसर पर अपने परिजनों का आभार जताते हुए कहा कि कहानी के माध्यम से जो भी कुछ कहने की कोशिश की है वह लंबे समय से चले आ रहे विचार और अनुभवों की अभिव्यक्ति है, इस अभिव्यक्ति को और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास जारी है।
प्रारंभ में स्वागत करते हुए बजरंगलाल शर्मा ‘मास्टरजी’ ने कहा कि एक पुत्रवधू के रूप में ऋतु ने मेरी रचनात्मक क्षेत्र में काम करने की इच्छा को ही पूरा किया है। आभार सोजत रोड़ के शिक्षाविद् हिम्मतराज शर्मा ने जताते हुए कहा कि बीकानेर का माहौल अपनापे का है। कार्यक्रम का संचालन हरीश बी. शर्मा ने किया। नट साहित्य-संस्कृति संस्थान की ओर से ऋतु शर्मा का अभिनंदन किया गया। अतिथियों का स्वागत भंवरलाल शर्मा, बलदेव शर्मा, जनक प्रकाश, मदनलाल शर्मा, धनेश्वरी देवी, कन्हैयालाल सेवग, महेश शर्मा, आनंद शर्मा, विक्रम शर्मा ने किया।
गणमान्य जनों की साक्षी में हुआ लोकार्पण
‘वजूद का रंग और अन्य कहानियां’ के लोकार्पण समारोह में विश्व हिंदू परिषद के पूर्व मंत्री देवकृष्ण कौशिक, शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जनार्दन कल्ला, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रामकिसन आचार्य, साहित्यकार मालचंद तिवाड़ी, बुलाकी शर्मा, आनंद वि.आचार्य, कमल रंगा, राजेंद्र जोशी, नवनीत पांडे, डॉ.मदन सैनी, नदीम अहमद नदीम, नगेंद्र नारायण किराड़ू, डॉ.ओम कुवेरा, बी.एल. रत्तावा, डॉ.बी.आर.जोशी, राजाराम स्वर्णकार, डॉ.मुरारी शर्मा, राजकुमारी शर्मा, ललिता शर्मा, रेणु शर्मा, पूजा शर्मा, शीला व्यास, अर्चना थानवी, भगवती सोनी, कोमल गर्ग, संगीता शर्मा, कामिनी भोजक, ज्ञानवती शर्मा, वीणा शर्मा, रेखा रांका आदि उपस्थित थे।
रामकिसन आचार्य का हुआ सम्मान
धरणीधर मंदिर परिसर को एक सांस्कृतिक केंद्र बनाने वाले पूर्व सरपंच व समाजसेवी रामकिसन आचार्य का इस अवसर पर सम्मान किया गया। राजस्थान प्रांतीय शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा के सत्यनारायण शर्मा, राजस्थान शाकद्वीपीय विकास समिति के शंकर सेवग, शिवरतन सेवग शाकद्वीपीय ब्राह्मण बंधु चैरिटेबल ट्रस्ट के आर.के.शर्मा, के.के.शर्मा, भाई-बंधु प्रकाशन के राजेश शर्मा, गणगौर समिति की ज्ञानवती शर्मा, कमल ग्रुप ऑफ आट्र्स के विकास शर्मा, बजरंगलाल शर्मा ने रामकिसन आचार्य का अभिनंदन किया।
इस अवसर पर पंजाबी साहित्यकार बख्शीसिंह, कवयित्री डॉ.चंचला पाठक, प्रकाशक गायत्री शर्मा, वरिष्ठ रंगकर्मी रामसहाय हर्ष, लेखक आशीष पुरोहित, रंगकर्मी अजीत राज, पत्रकार-कहानीकार राजेश ओझा, पवन शर्मा व अश्विनी शर्मा को भी सम्मानित किया गया। फोटो: राजेश छंगानी
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