हैलो बीकानेर, चुरू, जगदिश सोनी, । जिले के राजपुरा गांव के चर्चित राजस्थानी कथाकार उम्मेद धानियां को साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली की ओर से राजस्थानी भाषा के लिए वर्ष 2017 का युवा पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। धानियां को यह पुरस्कार उनके राजस्थानी कथा संग्रह ‘लेबल’ के लिए दिया जाएगा।
अकादेमी सचिव डॉ के श्रीनिवास राव की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक गुरुवार को अकादेमी से मान्यता प्राप्त भारत की सभी 24 भाषाओं के युवा पुरस्कार घोषित किए गए। इन साहित्यकारों को पचास-पचास हजार रुपए का चैक एवं ताम्रपत्र देकर एक खास समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि चूरू की तारानगर तहसील के गांव राजपुरा में मां तीजादेवी और पिता मनीराम मेघवाल के घर 18 दिसंबर 1987 को जन्मे उम्मेद की कहानियों में ग्रामीण जनजीवन, खासकर दलित समाज का संघर्ष जीवंत हुआ है। अभावों एवं निर्धनता के साथ स्वयं दो-दो हाथ करते हुए उन्होंने देखे और भोगे गए यथार्थ का अपनी कहानियों में जीवंत चित्राण किया है। उनकी कहानियों को राजस्थानी में दलित विमर्श के युग की स्थापना के तौर पर देखा जाता है।
कहानी संग्रह ‘लेबल’ के अलावा उनकी पहली कथा पुस्तक ‘आंतरो’ पर कमला गोइन्का फाउंडेशन की ओर से किशोर कल्पनाकांत युवा साहित्यकार पुरस्कार 2007 भी मिल चुका है। खेती-बाड़ी और मेहनत-मजदूरी कर आजीविका चलाने वाले उम्मेद भारतीय भाषा परिषद कोलकाता के युवा पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। उम्मेद ने साहित्य अकादेमी अवार्डी मराठी लेखक लक्ष्मण माने की आत्मकथा ‘उपरा’ का भी राजस्थानी अनुवाद किया है। उम्मेद धानियां को पुरस्कार की घोषणा पर क्षेत्र के लेखकों, बुद्धिजीवियों एवं साहित्यप्रेमियों ने प्रसन्नता जाहिर की है।