स्कूल-समुदाय भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने की विशेष पहल
जयपुर। राज्य सरकार ने विद्यालय-समुदाय भागीदारी की विशेष पहल करते हुए विद्यालयों में प्रत्येक शनिवार को बाल सभाओं का आयोजन अब किसी सार्वजनिक स्थल पर किये जाने का निर्णय लिया है। इससे विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों, शिक्षकों के साथ ही अभिभावक और जन-समुदाय का सीधे जुड़ाव हो सकेगा।
शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि विद्यालय-समुदाय के बीच बढ़ती दूरियों को कम करने के लिए यह विशेष पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि इससे विद्यालय के शिक्षकों का जहां अभिभावकों और आम जन से सीधा जुड़ाव हो सकेगा वहीं बच्चों की सृजनात्मक गतिविधियॉं के सार्वजनिक प्रदर्शन से उनके सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में भी वृद्धि होगी। विद्यार्थियों की सृजनात्मक गतिविधियों के सार्वजनिक प्रदर्शन से उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी।
डोटासरा ने बताया कि चौपाल पर बाल सभाओ के आयोजन से अभिभावक अपने बच्चों की अभिव्यक्ति, सीखने की ललक, ज्ञान व प्रस्तुति कौशल को देख-जान उन्हें और अधिक क्षमतावान बनाने के लिए उत्सुक हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि अभिभावकों एवं शिक्षकों के विद्यालय से सीधे जुड़ाव की इस पहल से विद्यालयों की गुणवत्ता में भी सभी स्तरों पर वृद्धि सुनिश्चित की जा सकेगी।
शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि शनिवार को बालसभाओ के इस तरह के आयोजन में शिक्षा विभाग के अधिकारियो को भी भाग लेने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि बालसभाओ के सार्वजनिक आयोजन का उद्देश्य यही है कि विद्यालयों मे नामांकन वृद्धि के साथ ही बच्चों का ठहराव और गुणवत्ता के साथ ही उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास हो सके।
डोटासरा ने बताया कि सार्वजनिक स्थान पर बालसभाओं के आयोजन से अभिभावकों, उनके रिश्तेदारों का भी विद्यालय से प्रत्यक्ष सीधा जुड़ाव हो सकेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे विद्यालयों की स्थिति सुदृढ़ ंहोने के साथ ही विद्यालयो के भौतिक संशाधनो में भी जन-भागीदारी से अधिकाधिक वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश के विद्यालयों में बेहतर से बेहतर शिक्षा के साथ ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो।
समग्र शिक्षा आयुक्त ने ली बैठक – शिक्षा मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा के निर्देश पर इस संबध में बुधवार को ही समग्र शिक्षा अभियान के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बैठक भी ली। बैठक में उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्यालयों और समुदाय की बढ़ती दूरियों को कम करने के लिए विद्यालयों में शनिवार को बाल सभाओं का आयोजन सार्वजनिक स्थल, चौपाल, नुक्कड़ आदि पर किए जाने और उनके जरिए बच्चों में सीखने की ललक पैदा किए जाने के व्यावहारिक उपाय किए जाएं। बैठक में पीरामल फाउण्डेशन द्वारा झुन्झुनू जिले में शिक्षा विभाग के अंतर्गत हुए नवाचारोें के अनुभवों को भी साझा किया गया तथा शिक्षा मे गुणवत्ता के लिए हर संभव प्रयास किए जाने पर जोर दिया गया। बैठक में अतिरिक्त आयुक्त सुरेश और रामनिवास सहित बड़ी संख्या में अधिकारियो ने भाग लिया।