बीकानेर (हैलो बीकानेर)। राजस्थानी व हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार श्रीलाल जोशी का शनिवार को निधन हो गया। वे विगत कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। वे अपने पीछे पत्नी, दो पुत्रों श्रीबल्लभ व बिटï्ठल जोशी, पुत्री सहित भरापुरा परिवार छोड़ गए है। उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार रविवार सुबह 8 बजे नत्थूसर गेट के बाहर स्थित जोशियों के श्मसान गृह पर हो गया।
विगत लंबे समय से बीमार चल रहे जोशी की तबीयत बिगड़ जाने पर परिजन उन्हें पीबीएम अस्पताल ले गए, जहां देर शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। स्व. जोशी ने हिन्दी कहानी संग्रह ‘मिनख कमाने का सुख’ एवं राजस्थानी कहानी संग्रह ‘नाथुम्ब’ से प्रसिद्धि हासिल की। जुझारु, बेबाक टिप्पणी, स्पष्टवादिता, सत्यता के साथ रहने की छवि से साहित्यिक जगत में उनकी अलग पहचान थी। साहित्य के साथ साथ वे पत्रकारिता से भी जुड़े हुए थे। श्रीलाल जोशी समवेत संस्था के सचिव के तौर पर जुड़े हुए थे और बीकानेर शहर में गरिमामय साहित्यिक आयोजन कर देश के प्रसिद्ध साहित्यकारों को बीकानेर से रुबरु करवाया। उनके निधन से साहित्यिक जगत में शोक की लहर छा गई।