हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, जयपुर । ए.सी. बी. मुख्यालय के निर्देश पर भरतपुर इकाई द्वारा आज सूत्र सूचना पर कार्यवाही करते हुये धमेन्द्र कुमार दीपक अधिशासी अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, खण्ड बयाना, जिला भरतपुर को उसके चालक संतोष कटारिया एवं एक दलाल सुरजीत सिंह जाट सहित 3 लाख 68 हजार 700 रुपये की संदिग्ध नगद राशि के साथ पकड़ा।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक (अतिरिक्त चार्ज) हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि ए. सी. बी. की भरतपुर इकाई को एक सूत्र – सूचना इस आशय की प्राप्त हुई कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग खण्ड बयाना जिला भरतपुर में जल जीवन मिशन के तहत हुये कार्यों का करीबन दो तीन दिन पहले ठेकेदारों को आठ करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। उक्त भुगतान का कमीशन ठेकेदारों द्वारा आज किया जाना है।
इस सूत्र – सूचना पर एसीबी भरतपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम रावत के निर्देशन में एसीबी की भरतपुर इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश मीणा के नेतृत्व में सूत्र – सूचना का सत्यापन किया जाकर आज मय टीम आकस्मिक चैंकिग की कार्यवाही करते हुये कार्यालय अधिशासी अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, खण्ड बयाना, जिला भरतपुर के परिसर में गाड़ी स्वीफ्ट डिजायर नं. आर. जे. 14 – टी. बी. – 8756 की डिग्गी में रखे अधिशासी अभियंता के थैला से 2 लाख 5 हजार 500 रुपये एवं अधिशासी अभियंता के किराये के मकान से अंदर रखे बैग से 1 लाख रुपये एवं अधिशासी अभियंता की स्वयं की तलाशी में 11,500 /- रुपये एवं सुरजीत दलाल की जेब से 51,700 /- रुपये कुल 3 लाख 68 हजार 700 रुपये की संदिग्ध नगद राशि बरामद कर कब्जा एसीबी लिये हैं।
मौके से बरामद उक्त संदिग्ध राशि के संबंध में संदिग्ध धमेन्द्र कुमार दीपक पुत्र बच्चू सिंह जाटव निवासी 84 / 9 अजय मार्ग, प्रतापनगर, जयपुर हाल किराये का मकान शिवनगर बयाना, जिला भरतपुर हाल अधिशासी अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, खण्ड बयाना, जिला भरतपुर, उसके चालक संतोष कटारिया पुत्र धर्मसिंह कटारिया निवासी रणधीर, थाना भुसावर जिला भरतपुर हाल टैक्सी कार नं० आर. जे. 14 – टी. बी. – 8756 एवं एक दलाल सुरजीत सिंह जाट पुत्र होशियार सिंह जाट निवासी आदर्शनगर, बयाना जिला भरतपुर (प्राईवेट व्यक्ति) से मौके पर पूछताछ की जा रही है।
एसीबी के महानिरीक्षक पुलिस सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्राथमिक जाँच दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी ।