बीकानेर, hellobikaner.com। बीकानेर पीडियाट्रिक सोसायटी, सेंट्रल आई ए पी ,रेस्पिरेट्री चैप्टर राजस्थान व शिशु रोग विभाग सरदार पटेल मेडिकल कालेज के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को बच्चों में टी.बी.रोग व उसके इलाज के संबंध में रानी बाजार के होटल मरुधर में दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला शुरू हुई।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन परियोजना कार्यक्रम (एन.टी.ए.पी.) के तहत आयोजित कार्यशाला में जयपुर, दिल्ली (ए.आई.आई.एम.एस) व राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 70 से ज्यादा प्रशिक्षुओ को टी.बी.रोग की जांच, एक्सरे, दवाइयां, रोग की पहचान व बेहतर ईलाज का प्रशिक्षण दिया।
कार्यशाला में रविवार को असम पल्मोनॉल्जी 2022’कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा जिसमें अंतर राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ चिकित्सक शिशु व बच्चों में होने वाले फैफड़े व श्वसन रोग के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। कार्यशाला सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक विभिन्न सत्रों चलेगी।
कार्यशाला में बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा व अजमेर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 200 सरकारी व निजी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक, बाल एवं शिशु रोग में एम.डी.करने वाले व रेजिडेंट चिकित्सक स्लाईडों, ऑडियो, वीडियों व्याख्यान, आपसी संवाद से बच्चों में टीबी एवं श्वसन रोगों की रोकथाम के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में एस.एम.एस. अस्पताल जयपुर के बाल एवं शिशु रोग विभाग के पूर्व व वर्तमान में निओ क्लिनिक चिल्ड्रन अस्पताल जयपुर के प्रोफेसर डॉ.बी.एस.शर्मा ने कहा कि कार्यशाला टी.बी. की रोकथाम के लिए केन्द्र व राज्य सरकार स्तर पर बडे़ पैमाने पर जन जागृति के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। टी.बी.को जड़मूल से खत्म करने के लिए निःशुल्क दवाईयां दी जा रही है।
खान पान, जलवायु, लोगों के रहन-सहन के बदलने व टी.बी.का पूर्ण ईलाज नहीं लेने से बच्चों में भी टी.बी. व श्वसन रोग का उन्मूलन नहीं हो रहा है। इस कार्यशाला से चिकित्सक बच्चों मेंं टी.बी. की लक्षण, जांच व बेहतर ईलाज के बारे में जानकारी हासिल कर इस रोग को नियंत्रित करने, बच्चों की अकाल मृत्यु को बचाने में उल्लेखनीय कार्य कर सकेंगे।
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध बाल एवं शिशु रोग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व सुप्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.पी.सी.खत्री ने कहा कि वक्त के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी नई क्रांति आई है। आधुनिक मशीनों से जांच, एक्सरे व श्रेष्ठ दवाइयों का उपयोग सरकारी व निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में होने से टी.बी. रोग का ईलाज पूर्व समय से बेहतर हो रहा है।
युवा चिकित्सक कार्यशाला के महत्व को समझे तथा गंभीरता से प्रशिक्षण प्राप्त कर टी.बी.की बीमारी की रोकथाम में अपनी अहम भूमिका निभाएं। पी.बी.एम. अस्पताल के बाल एवं शिशु रोग विभाग विभागाध्यक्ष डॉ.पी.के.बेरवाल ने कहा कि चिकित्सक अपने ज्ञान का सही उपयोग करते हुए टी.बी. की रोकथाम के लिए, मानवीयता व सेवा भावना के साथ कार्य करते हुए इस रोग के उन्मूलन में सहभागी बने।
निओ क्लिनिक चिल्ड्रन अस्पताल जयपुर के निदेशक व वरिष्ठ बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अनुराग तोमर ने कहा कि वक्त के तकाजे को देखते हुए, अभिभावकों की बच्चों के बेहतर ईलाज की मंशा को मध्ये नजर जयपुर में निओ सहित देश प्रदेश में बच्चों के सुपर स्पेलिटी अस्पताल खुले हैं। बच्चों के विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ सेवाएं दे रहे है। संक्रमण से फैलने वाले टी.बी.रोग की रोकथाम के लिए चिकित्सकों के साथ आम लोगों में जागृति जरूरी है।
राजस्थान मेडिकल काउंसिल के पर्यवेक्षक व फोरेन्सिक मेडिसन के प्रोफेसर डॉ.संजीव बुरी, जयपुर के डॉ.हरि मोहन मीणा, जोधपुर के डॉ.विकास कटेवा, निम्स के प्रोफेसर डॉ.रूपेश मसंद, जिला क्षय एवं एडस नियंत्रण अधिकारी डॉ.सी.एस.मोदी ने टी.बी.के. लक्षणों, जांच के तरीकों, छाती, दिमाग, पेट व हड््डी व अन्य प्रकार की टी.बी.,रोगी की पहचान, इलाज, एच.आई.वी.रोगी के बच्चों, टी.बी.रोगियों के बच्चों में टी.बी. के बारे मेंं विस्तृत जानकारी दी।
आयोजन सचिव बाल एवं शिशु रोग विभाग की सह आचार्य प्रोफेसर डॉ.पवन डारा, पी.बी.एम.अस्पताल के बाल एवं शिशु रोग विभाग की सह आचार्य प्रोफेसर डॉ.सारिका स्वामी ने आयोजन के महत्व को उजागर करते विभिन्न तरह की टी.बी., .रोग के नियंत्रण में चिकित्सकों के प्रशिक्षण की आवश्यकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बीकानेर पीडियाट्रिक सोसायटी के अध्यक्ष डॉ.कुलदीप सिंह बिटठू, सचिव बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.श्याम अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन की आवश्यकता को उजागर किया।
बीकानेर में खुलेगी अत्याधुनिक लैब-कार्यशाला के उद््घाटन समारोह में जिला क्षय एवं एडस नियंत्रण अधिकारी डॉ.सी.एस.मोदी ने बताया कि बीकानेर में अगस्त में टी.बी. के रोग के जांच की अत्याधुनिक मशीनों से युक्त लैब की स्थापना की जाएगी, जिसमें विभिन्न प्रकार की टी.बी.की जांच निःशुल्क होगी। लैब से संबंधित चिकित्सकों का प्रशिक्षण अगस्त के प्रथम सप्ताह में होगा।
लैब खुलने से बच्चों में टी.बी.रोग की जांच व निदान में सुपर स्पेलिटी की सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि जिला क्षय अस्पातल के माध्यम से 2013 से 15 जुलाई 2022 तक करीब 20 हजार बच्चों की सीबीनौट जांच की गई। इसमेंं 10 प्रतिशत बच्चों को सामान्य टी.बी. व 13 बच्चों को गंभीर टीबी.का इलाज किया गया।
विभिन्न सत्रों में हुए संवाद-विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के प्रजन्टेशन व व्याख्यान के बाद गहन संवाद हुए। इन संवादों मेंं वरिष्ठ बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.गौरव गौम्बर, डॉ.नरेन्द्र पारीक, डॉ.श्याम अग्रवाल, डॉ.गौरव पारीक, डॉ.सुचित्रा बोथरा, डॉ.महेश शर्मा, डॉ.एल.सी.बैद, डॉ.मुकेश बेनीवाल, डॉ.जिया उल हक गौरी डॉ.एम.जी. तंवर, डॉ.अनिल दुस्सा, डॉ.जी.एस.तंवर, डॉ.कुलदीप बिटठू, डॉ. धीरज शर्मा, डॉ.हिमांशु गुप्ता, डॉ.ओ.पी.चाहर, डॉ. अनिल लाहोटी, डॉ.अभिमन्यू तिवारी, डॉ.सारिका स्वामी, डॉ.सोनल चाहर, डॉ.ओ.पी.चाहर, डॉ.विजय चलाना, डॉ.कमलेश वर्मा, डॉ.नगाराम डांडे सहित अनेक चिकित्सकों ने संवाद किए। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने संवाद में पूछे गए प्रश्नों के माध्यम से चिकित्सकों की जिज्ञासाओं को दूर किया। अतिथियों का स्मृति चिन्ह से स्वागत किया गया।