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बीकानेर (हैलो बीकानेर न्यूज़)। श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल के करुणा एवं ईको क्लब के 5 दिवसीय ग्रुप वार्षिक शिविर प्रकृति प्रबंधन पंचामृत”ज्ञानोल्लास” का शुभारंभ राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड के स्थानीय संघ, गंगाशहर परिसर में गुरुवार को हुआ।
एडवोकेट मनोज सुरोलिया, पुलिसकर्मी विनोद कुमार, योगेन्द्र कुमार, बलवान, सुरेश कुमार, भवानीशंकर जोशी, प्रधान, राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड, स्थानीय संघ, गंगाशहर, प्रभुदयाल गहलोत, सचिव, राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड स्थानीय संघ, गंगाशहर, ट्रेनिंग कांउसलर रमेश कुमार मोदी, विद्यापीठ के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने ध्वजारोहण कर किया।

माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्जवन के बाद सभी अतिथियों ने अपने अपने संबोधन में विद्यापीठ के नवाचारों की भूरि भूरि प्रशंसा की तथा प्रकृति के संरक्षण के प्रयासों की सराहनीय बताया। एडवोकेट मनोज सुरोलिया ने बच्चों को विधिक चेतना एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के संबंध में जानकारी दी। विद्यापीठ के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने कार्यक्रम के उद्देश्यों एवं महत्व पर प्रकाश डाला तथा स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। विनीता उपाध्याय व तन्वी जोशी ने तिलक द्वारा सभी का अभिनंदन किया। उद्घाटन पश्चात् रमेश कुमार मोदी व प्रभुदयाल गहलोत ने बच्चों को स्काउट के खेल खिलाए तथा खेल खेल में प्रकृति से प्रेम करने की सीख दी।
प्रकृति संरक्षण रैली निकाल कर दिया जनजागरण का संदेश 
ज्ञानोल्लास के शुभारंभ से पहले गोपेश्वर बस्ती स्थित श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल से प्रकृति संरक्षण रैली निकाली गई जो राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड के स्थानीय संघ, गंगाशहर के परिसर में संपन्न हुई। रैली को वार्ड पार्षद शिव कुमार रंगा, समाजसेवी मनोज कुमार खैरीवाल, युवा नेता योगेश पुरोहित, करुणा इंटरनेशनल संस्था के एज्यूकेशन अॉफिसर घनश्याम साध, राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड, स्थानीय संघ, गंगाशहर के सचिव प्रभुदयाल गहलोत, ट्रैनिंग कांउसलर रमेश कुमार मोदी, विद्यापीठ के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में विद्यार्थियों ने “विद्यापीठ ने ठाना है,प्रकृति को बचाना है”.. सरीखे विभिन्न नारे लगा प्रकृति संरक्षण के लिये जन जागरण किया।
शिक्षण से अनुपम अन्य दूसरा कोई काम नहीं है – डॉ गौरव बिस्सा 
अंतिम सत्र में इंजीनियरिंग कॉलेज के एमबीए के एचओडी डॉ. गौरव बिस्सा ने लगभग साठ मिनट के अपने संबोधन में शिक्षक वर्ग को अपने काम को पूर्ण मनोयोग से कंप्लीट तैयारी व आत्मविश्वास के साथ कर्तव्य के रूप में बखूबी निभाने की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने इस अवसर पर अनेक जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए शिक्षा, शिक्षक, शिक्षार्थी व शिक्षण की परिभाषा तथा इनके मध्य परस्पर संवेदनशील संबंध की विवेचना विभिन्न उदाहरणों के साथ प्रस्तुत की। विद्यापीठ की प्रधानाध्यापिका भंवरीदेवी ने आभार व्यक्त किया तथा अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए।
मंगलवार के कार्यक्रम
ज्ञानोल्लास के दूसरे दिन स्काउट खेलों के साथ साथ चम्मच दौड़, म्यूजिकल चेयर इत्यादि खेल होंगे। केंद्रीय साहित्य अकादमी से पुरस्कृत वरिष्ठ कथाकार मालचंद तिवाड़ी बच्चों को बाल कहानियों के माध्यम से प्रकृति के प्रति जागरूक करेंगे।

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