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बीकानेर hellobikaner.in रमज़ान और नवरात्र स्थापना एक पवित्र महीना नही बल्कि शरीर विज्ञान को सुदृढ़ और मानसिक स्थिति को कोमल ओर निर्मल बनाता है धर्म – जीवन जीने की एक शैली है। सभी धर्म चाहे वो सन्तान धर्म हो या मुस्लिम या ईसाई या सिख धर्म हो सभी का उद्देश्य मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रखना है।

1. वजन कम होता है
2. कोलेस्ट्रोल कम होता है
3. मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है
4. बुरी आदतों से छुटकारा रोजे/व्रत रखने के बाद व्यक्ति धूम्रपान, तंबाकू, मीठी चीजों के सेवन से सुरक्षित रहता है।
5. खजूर फायदेमंद खजूर में मौजूद फाइबर से खाना जल्दी पच जाता है। इसके अलावा खजूर में पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन बी भी पाया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
6. शुगर, थाइरोइड और हार्मोनल बीमारियों मे लाभदायक है ।
7. शुगर मरीज़ रोज़ा रख सकते है ख्याल रखे शुगर लेवल 100 से कम और 200 से ऊपर न जाये ।
8. ब्लड प्रेसर के मरीज़ रोज़ा रखे तो वह शिकंजी ओर फल पर नमक न डाले ।
9. कब्ज, बदहज़मी, आंत ओर पेट की बहुत से बीमारियों मे रोज़ / व्रत लाभदायक है ।
10. गर्मी के रोज़े / व्रत मे खान पान का विशेष ध्यान रखे , रोज़ा सहरी ओर अफ्तार मे पानी / फल / नीबू / दही / भीगे हुए अनाज / सलाद का भरपूर इस्तेमाल करें ।
11. 15 घण्टे से ज्यादा खाली पेट रहने पर लोग अफ्तार के समय ज्यादा खा लेते है ऐसा करना सेहत को नुकसान दे सकता है , इफ्तार मे हल्का ले कर कुछ देर बाद भर पेट खाना खाये ।
12. इफ्तार मे पकोड़ा, पापड़ , ताली हुए भोजन से दूर रहे, साथ ही खजूर, नीबू पानी, ओर छाछ/मढ़े से रोज़ा खोले ।

छाछ मे कैलोरी/वसा कम और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है ।

– डॉ. यासिर मिर्ज़ा (MD स्कॉलर)
– डॉ. रुबीना खानम मिर्ज़ा (MD स्कॉलर)
– एम. एन. होमियोपैथिक कॉलेज, बीकानेर

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