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हैलो बीकानेर न्यूज नेटवर्क, www.hellobikaner.com, जयपुर।  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान की तीन और हस्तियों को पद्मश्री से सम्मानित किया है। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में गजल गायकी और शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को सामाजिक कार्य के लिए डूंगरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता मूलचंद लोढ़ा शामिल है ।

 

 

 

नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में बुधवार को आयोजित पद्म पुरस्कार दो संस्करण में इन्हें सम्मानित किया गया। गत 25 जनवरी को विजेताओं के नामों की घोषणा की गई थी। उन विजेताओं को गत 22 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार सम्मान समारोह के पहले संस्करण में भी पुरस्कार प्रदान किए गए थे। शेष बचे हुए पुरस्कार विजेताओं को बुधवार को राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। इससे पहले सामाजिक क्षेत्र में ही उत्कृष्ट कार्य के लिए जयपुर के लक्ष्मण सिंह लापोडिया गत 22 मार्च को पद्मश्री से सम्मानित हो चुके है।

 

राजस्थान के डूंगरपुर जिला के आदिवासी बहुल बांगड़ इलाके से ताल्लुक रखने वाले मूलचंद लोढ़ा आदिवासियों के उत्थान के लिए जागरण जन सेवा मंडल नामक संस्था चलाते हैं। लोढ़ा इस क्षेत्र के आदिवासी और पिछड़े इलाकों में चिकित्सा, शिक्षा और आदिवासियों के कल्याण के लिए पिछले पांच दशक से लगातार कार्य कर रहे हैं। इनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए वर्ष 2023 का पद्मश्री सम्मान लोढ़ा को दिया गया है।

 

 

गजल गायकी और शास्त्रीय संगीत में उत्कृष्ट योगदान के लिए जयपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। गजल गायकी के उस्ताद हुसैन बंधुओं का पहला एल्बम गुलदस्ता 1980 में रिलीज हुआ था और अभी तक इनके 50 से ज्यादा एल्बम आ चुके हैं। वर्ष 2000 में इनको संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। हुसैन बंधुओं ने पूरी दुनिया में गजल और शास्त्रीय संगीत के चौरिटी शो करके समाज सेवा में भी काफी योगदान दिया है।

 

 

राष्ट्रपति द्वारा पद्म पुरस्कार सम्मान समारोह के पहले संस्करण के दौरान 22 मार्च को पद्मश्री से सम्मानित  लापोडिया ने राजस्थान के जयपुर जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है इन्होंने जल संरक्षण के लिए परंपरागत चौका पद्धति से पांच लाख वर्ग मीटर जमीन को सिंचित और उपजाऊ बनाया है। लापोडिया ने इलाके के करीब 100 गांवों में जल संरक्षण के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

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