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हनुमानगढ़ hellobikaner.in विभिन्न ब्राण्डों के बिक रहे शहद की शुद्धता जांचने के लिए गत दिसम्बर 2020 में एक अभियान चलाया गया। इसके अंतर्गत देश के सभी शहरों में बिक रहे शहद के ब्राण्डों के सैम्पल लेकर उनकी शुद्धता जांचने के उद्देश्य से उन्हें जांच के लिए भेजा गया। जिले में विभिन्न ब्राण्डों के शहद के सात सैम्पल लिए गए, जिनमें से तीन ब्राण्ड अवमानक पाए गए जबकि चार सैम्पल सही पाए गए।

सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि दिसम्बर 2020 में चिकित्सा विभाग द्वारा जिले में बिक रहे शहद के ब्राण्डों के सैम्पल लिए गए। इसके तहत विभिन्न खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों के पास से शहद के सात सैम्पल लिए गए। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। कल 25 मार्च को शहद की जांच रिपोर्ट आई। इनमें से पतंजलि, वी प्योर, डाबर एवं बैद्यनाथ शहद मानकों के अनुसार सही पाए गए। इसके विपरीत हितकारी ब्राण्ड, केदारनाथ ब्राण्ड व बी हनी ब्राण्ड अवमानक पाए गए।

एफएसओ जीतसिंह यादव ने बताया कि फेल हुए नमूनों में एफएसएसए एक्ट में निर्धारित शहद में सुक्रोज की मात्रा 5 प्रतिशत से अधिक थी। मानकों के अनुसार यह 5 प्रतिशत तक होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अब निदेशालय द्वारा अमानक हुए ब्राण्डों के पुनः सैम्पल लिए जाएंगे व दोबारा मानक पाए जाने पर इसके खिलाफ कार्रवाही अमल में लाई जाएगी।

 

आज लिए तीन सैम्पल
एफएसओ जीतसिंह यादव ने बताया कि आज टाउन की विभिन्न दुकानों से अमूल कम्पनी के टोण्ड मिल्क का सैम्पल लिया गया। इसके अलावा शाही हनुमान ब्राण्ड के सरसों के तेल का भी सैम्पल भरा गया। एक नमकीन खाद्य सामग्री बनाने वाली निर्माण इकाई से नमकीन चना दाल का सैम्पल लिया गया। वहां पर 60 से 70 किलो पुरानी, दूषित व अखाद्य नमकीन पाई गई, जिसमें मौके पर ही नष्ट करवाया गया।

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