हैलो बीकानेर न्यूज नेटवर्क, www.hellobikaner.com, जयपुर,। ए.सी. बी. मुख्यालय के निर्देश पर अलवर – द्वितीय इकाई द्वारा आज दो अलग-अलग कार्यवाही करते हुये सुशीला देवी महिला सुपरवाईजर, कार्यालय समेकित बाल विकास परियोजना, मुण्डावर, जिला अलवर को 26 हजार रूपये एवं कृष्णा शर्मा महिला सुपरवाईजर, कार्यालय समेकित बाल विकास परियोजना, मुण्डावर, जिला अलवर को परिवादी से 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि ए.सी.बी. की अलवर – द्वितीय इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि एस.एच.जी. द्वारा सप्लाई पोषाहार बिलों के किये गये भुगतान में से 15 प्रतिशत राशि एवं अन्य सहयोगी को किये गये भुगतान में से भी 15 प्रतिशत कमीशन इकट्ठा कर देने का दबाव बनाकर सुशीला देवी महिला सुपरवाईजर द्वारा 26 हजार रूपये एवं कृष्णा शर्मा महिला सुपरवाईजर, कार्यालय समेकित बाल विकास परियोजना, मुण्डावर, जिला अलवर द्वारा 15 हजार रूपये रिश्वत राशि की मांग कर परेशान किया जा रहा है।
जिस पर एसीबी के जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम रावत के सुपरवीजन में एसीबी की अलवर – द्वितीय इकाई के उप अधीक्षक पुलिस परमेश्वर लाल द्वारा शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज मय टीम के ट्रेप कार्यवाही करते हुये सुशीला देवी पत्नी कुलवीर सिंह जाट निवासी ग्राम पोस्ट रानोठ, तहसील मुण्डावर जिला अलवर हाल महिला सुपरवाईजर, कार्यालय समेकित बाल विकास परियोजना, मुण्डावर, जिला अलवर को परिवादी से 26 हजार रूपये की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
इसी प्रकार एक अन्य कार्यवाही में पुलिस निरीक्षक श्री सुरेश चंद ए.सी.बी सीकर द्वारा मय टीम के ट्रेप कार्यवाही करते हुये कृष्णा शर्मा पत्नी हरिओम शर्मा निवासी बी. एस. नगर, कंगाल हाता कटी घाटी, अलवर हाल निवासी अरावली विहार, अलवर हाल महिला सुपरवाईजर, कार्यालय समेकित बाल विकास परियोजना, मुण्डावर, जिला अलवर को परिवादी से 10 हजार रूपये की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी उक्त महिला सुपरवाईजर द्वारा शिकायत के सत्यापन के दौरान 4 हजार रुपये परिवादी से रिश्वत के रूप में वसूल कर लिये थे।
एसीबी के महानिरीक्षक पुलिस सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा ।