तीसरे मोर्चे की कमान युवाओ के हाथ में
– भारत वाहिनी के भवानी पाईवाल और आर एल पी के विजयपाल बेनीवाल बीकानेर सम्भाग से मोर्चे को कर रहे है लीड
हैलो बीकानेर न्यूज़। राजस्थान के विधानसभा चुनावों में बदलते सियासी मौसम में, तीसरे मोर्चे ने ताल क्या ठोकी, दोनो ही दलों की टिकट वितरण प्रक्रियालंबित होती नजर आ रही है। एक तरफ जहां कुछ महीने पहले भाजपा के दिग्गज नेता ने घनश्याम तिवाड़ी ने भारत वाहिनी का गठन किया, वहीं 29 सितम्बर को हनुमान बेनीवाल ने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का एलान जयपुर में हुँकार के साथ किया। बेनीवाल की इस हुंकार में तिवाड़ी की अध्यक्षता, चोधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी ओर सपा के द्वारा खुले मंच से तीसरे मोर्चे की हुंकार ने प्रदेश की सियासत के राजनीतिक समीकरण बिगाड़ दिए, ऐसा जानकारों का मानना है।
जहां राजस्थान में अलग अलग नेताओं द्वारा कई बार ऐसे विफल प्रयास नजर आए, वहीं केवल जातिगत समीकरण जाट ब्राह्मण यादव मुसलमान और दलित समीकरण को साधने का प्रयास ही नहीं हुआ बल्कि पूर्वी राजस्थान, मारवाड़ और शेखावटी के क्षेत्रीय समीकरण भी जानकारों को बनते नजर आ रहे है और प्रदेश भाजपा कांग्रेस को अपने प्रत्याशी चयन पर सोचने को मजबूर कर दिया, वहीं मोर्चे ने स्पष्ट कर दिया कि वो गठबंधन के जरिए दोनो दलों के बाद ही लगभग प्रत्याक्षी चयन करेंगे, इससे ये अंदाजा हो रहा कि बड़ी संख्या में भाजपा कोंग्रेस के बागियों को तीसरा मोर्चा अपने साथ जोडऩे की कवायद में जुटा है।
तिवाड़ी राजस्थान की राजनीति का जायका बखूबी जानते है इसलिए वो अभी गठबंधन के पत्ते खोलने के बिल्कुल मुंड में नही, ओर बेनीवाल भी सभा मे स्पष्ठ कर चुके की रणनीति का लेखा जोखा तिवाड़ी को ही वो सौंपना चाहते है, बल और बुद्धि का नारा प्रदेश में जानकारों को ज्यादा अचंभित नही कर रहा क्योंकि हनुमान बेनीवाल अपनी सभाओं से ताकत का आभास करवाने सफल होते नजर आ रहे है तो वहीं तिवाड़ी की तिकड़म राजनीतिक गलियारों के जगजाहिर है, ओर उनकी भाजपा द्वारा अनदेखी से उनके साइलेंट ब्राह्मण वैश्य वोटों की साधने की रणनीति भी देखी जा रही है।
बीकानेर सम्भाग
राजनीति में युवा की बढ़ती भागीदारी आमतौर पर जगजाहिर है और बेनीवाल की सभाओं में युवाओं के हुजूम से ये नजर भी आ रहा है तो तीसरा मोर्चा कैसे पिछे रहता, छात्र राजनीति से ही तिवाड़ी स्वयं ओर बेनीवाल निकले है। इसलिए दोनो ने ही युवा को फोकस रखते हुवे बीकानेर सम्भाग की डोर छात्र राजनीति की गर्भ से पैदा हुवे युवा नेताओं के हाथ सौंप रखी है। जहाँ भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश मंत्री के रूप में एबीवीपी के नेता रहे भवानी पाईवाल पिछले कई महीनों से भारत वाहिनी के राजस्थान भर में दौरे करके पार्टी से प्रदेश में युवाओ जोडऩे का काम कर रहे है तो वहीं डूंगर कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष विजयपाल बेनीवाल भी काफी अरसे से बेनीवाल की सभाओं में प्रमुख भूमिका में नजर आ रहे है।
छात्र राजनीति में कभी विपक्ष में रहे दोनो ही युवा नेताओं की सांठ गांठ आजकल चर्चाओं में है, पाईवाल ओर बेनिवाल की ये जोड़ी बीकानेर सम्भाग में तीसरे मोर्चे को कहीं न कहीं लीड करते नजर आ रहे है और पुराने नेताओ के सरदर्द बनने काम करेंगे ऐसा भी जानकारों का मानना है। सियासी करवट किस ओर बैठेगी ये तो वक्त बताएगा लेकिन इस वार ( पाईवाल, बेनीवाल) यानी दीवार की मजबूती ओर कद यकीनन बीकानेर की राजनीति में देखा जा रहा है।