जयपुर, hellobikaner.in राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सशक्त लोकतंत्र में बेलगाम नौकरशाही एवं जन-प्रतिनिधियों का अपमान स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत तथा सामंतवादी व्यवस्था वाली सोच को पुनर्जीवित करने का प्रयास बताते हुए कहा है कि खेल मंत्री अशोक चांदना के नौकरशाही को लेकर दिए बयान के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
बेनीवाल ने कल रात सोशल मीडिया के माध्यम से यह बात कही। उन्होंने कहा कि बेलगाम नौकरशाही लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए किसी भी दृष्टि से सही नहीं,चूंकि एक तरफ देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है दूसरी तरफ अंग्रेजो द्वारा बनाये गए यह बड़े बाबू जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान कर रहे है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना के ट्वीट सहित सत्ता पक्ष के नेताओं एवं विधायको द्वारा ब्यूरोक्रेसी की मनमर्जी के विरुद्ध जो बाते कहीं गई जा रही हैं वो जाहिर कर रही है की राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी किस कदर जन प्रतिनिधियों का अपमान कर रही है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बात को क्यों भूल रहे है कि एक विधायक का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से भी बड़ा होता है, ब्यूरोक्रेसी का ऐसा रवैया किसी भी रूप में बर्दास्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चांदना और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका के मध्य विवाद में आखिर किसका क्या दोष है, इस पर स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को स्पष्टीकरण देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा “मुख्यमंत्रीजी आपको स्मरण होना चाहिए की आप भी जब विपक्ष में थे तब भाजपा शासन में मुख्यमंत्री कार्यालय के एक आईएएस अधिकारी जो मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव थे उनके संबंध में आपने वक्तव्य दिया था की किस तरह वो अधिकारी मंत्रियों, विधायकों एंव जन-प्रतिनिधियों का अपमान कर रहे है।”
चूंकि सत्ता पक्ष के कई विधायक ब्यूरोक्रेसी के विरुद्ध शिकायतें कर रहे है लेकिन मुख्यमंत्री को इस बात भी स्पष्टीकरण देने की जरूरत है की उनके एक दर्जन चहेते मंत्रियों एवं विधायकों के संरक्षण में राज्य में हत्या,बलात्कार सहित अन्य गंभीर अपराध कारित हुए परंतु शासन के स्तर से कोई कार्यवाही तो दूर स्पष्ट वक्तव्य तक नही आया।