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कुमार मंगलम बिड़ला के स्वामित्व वाली देश की तीसरे नंबर की टेलिकॉम कंपनी आइडिया सेल्युलर ने वोडाफोन इंडिया के साथ विलय का ऐलान कर दिया है। कंपनी ने सोमवार को बताया कि उसके बोर्ड ने इस विलय-प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। इसके तहत वोडाफोन इंडिया और इसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर का विलय हो जाएगा और नई कंपनी भारती एयरटेल को पछाड़कर देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी। आज के ऐलान के मुताबिक, आइडिया और वोडाफोन की विलय प्रक्रिया अगले साल पूरी हो जाएगी। नई कंपनी में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत जबकि आइडिया की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत होगी। आगे जाकर आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन का हिस्सा बराबर हो जाएगा। आइडिया का वैल्युएशन 72,2000 करोड़ रुपया आंका गया है। फाइलिंग के मुताबिक, एबी ग्रुप के पास 130 रुपये प्रति शेयर की दर से नई कंपनी के 9.5 प्रतिशत खरीदने का अधिकार होगा। इस ऐलान के बाद आइडिया के शेयरों में 2.5% की उछाल आ गई।

विलय में वोडाफोन और आइडिया के सभी शेयरों का विलय होगा, सिर्फ इंडस टावर्स में वोडाफोन के 42 प्रतिशत शेयरों को छोड़कर। आइडिया के नए शेयरों को वोडाफोन में जारी करने के साथ विलय लागू हो जाएगा और वोडाफोन इंडिया अपनी पैरंट कंपनी से अलग हो जाएगा। देश के टेलिकॉम मार्केट में पिछले साल आई कंपनी रिलायंस जियो बड़ी तेजी से पांव जमा रही है। कंपनी ने पहले वेलकम ऑफर और फिर हैपी न्यू इयर ऑफर के तहत फ्री वॉइस और डेटा सर्विसेज देकर बड़े पैमाने पर ग्राहकों को जोड़ने में कामयाब रही है। पिछले महीने भारती एयरटेल ने भी शेयर बाजार को सूचित किया था कि वह टेलिनॉर इंडिया के ऐसेट्स खरीदेगा। नॉर्वे की कंपनी टेलिनॉर ने तब भारतीय बाजार से अपना कारोबार समेटने जा रही है जब रिलायंस जियो ने 10 करोड़ ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने में कामयाब हो गया है।वोडाफोन और आइडिया के विलय से बनी नई कंपनी भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी हो जाएगी। अभी भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी कंपनी है। सूत्रों के मुताबिक, वोडाफोन मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी में सीईओ और सीएफओ दोनों पद मांग रहा है। उसे नई कंपनी का चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला को घोषित करने से कोई ऐतराज नहीं होगा।

इस कंपनी का सीईओ वोडाफोन पीएलसी के किसी ग्लोबल एग्जिक्युटिव को बनाया जा सकता है, यह जानकारी दो सूत्रों ने दे ही। एक तीसरे सूत्र ने बताया कि टॉप लेवल रिक्रूट की तलाश शुरू भी हो गई है। वोडाफोन पीएलसी और आइडिया सेल्युलर पर मालिकाना हक रखने वाले आदित्य बिड़ला ग्रुप ने इस मामले में इकनॉमिक टाइम्स के सवालों के जवाब नहीं दिए।

वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप ने जनवरी में कहा था कि वे इंडस टावर में वोडाफोन के 42% हिस्सेदारी को छोड़कर दोनों कंपनियों के सभी ऐसेट्स को मर्ज करने की संभावना पर काम कर रहे हैं। अगर मर्जर के बाद दोनों कंपनियों को बराबर के राइट्स दिए जाते हैं तो उसके लिए आइडिया के नए शेयर वोडाफोन को इशू करने होंगे, जिससे ब्रिटिश वोडाफोन पीएलसी खुद को वोडाफोन इंडिया से अलग कर लेगी।

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