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देश के कई राज्यों में प्री मानसून बारिश का असर नजर आ रहा है। राजधानी दिल्ली में भी पड़ी बौछारों से मौसम का मिजाज बदल गया। वहीं बिहार में बारिश और बिजली गिरने के चलते 33 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच खबर है कि बंगाल की खाड़ी में ‘मोरा’ चक्रवात आया है जो 12 घंटों में भयावह रूप धारण कर सकता है। जानकारी के अनुसार मौसम वैज्ञानिकों ने अगले 24 घंटों में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों खासतौर पर ओडिशा में भारी बारिश और तूफान की आशंका जताई है। इस दौरान मछुआरों को समंदर से दूर रहने की चेतावनी जारी कर दी गई है।

बताया जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी में आए मोरा तूफान की वजह से दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्‍द दस्‍तक देने की उम्‍मीद है। लेकिन इससे काफी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि मोरा एक चक्रवाती तूफान है। इस समय इसकी गति 125 किलोमीटर प्रति घंटे की है, जिसकी रफ्तार बढ़ भी सकती है। इस चक्रवाती तूफान की वजह से मानसून केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में दस्तक देगा।स्काइमेट वेदर के मुताबिक, मोरा तेजी से नॉर्थ ईस्‍ट की ओर बढ़ रहा है और 30 मई को चटगांव के पास बांग्लादेश तट को पार कर जाएगा। बताया जा रहा है कि इसकी वजह से पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों में भारी बारिश हो सकती है।

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मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 30 मई को दक्षिण असम, मेघालय, त्रिपुरा, और मिजोरम में भारी बारिश हो सकती है। अरुणाचल और नागारलैंड में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही यह आशंका जताई जा रही है कि अगले 48 घंटों में दक्षिण असम, मणिपुर, मेघालय और मिजोरम में 45 से 65 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा चलेगी। मोरा चक्रवात की वजह से 29 और 30 मई को मछुआरों को समंदर से दूर रहने की चेतावनी जारी कर दी गई है। साथ तटीय क्षेत्र के लोगों को सर्तक रहने की सलाह दी गई है।

 

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