Share

hellobikanerरूस से युद्ध की आशंकाओं की बीच यूक्रेन में करीब 3 से 4 हजार के बीच राजस्थानी छात्र फंसे हुए है। अधिकांश छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गए है। इनमें कोटा के करीब 300 छात्र यूक्रेन में फंसे है। वापसी को लेकर परिजन चिंतित हो गए। इन छात्रों को वापसी के लिए फ्लाइट नहीं मिलने से अभिभावक चिंतित हो गए है। ये सभी छात्र यूक्रेन में विभिन्न पाठ्यक्रों की पढ़ाई कर रहे हैं। जो छात्र यूक्रेन में फंसे है उन्होंने अपने अभिभावकों को बताया है कि वे पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन अभिभावकों का कहना है कि भारत सरकार इस पूरे मामले में ज्यादा गंभीरता से एक्शन लें।

अधिकारी बोले- भारत सरकार से करेंगे बात

केंद्र सरकार छात्रों की घर वापसी की पुख्ता व्यवस्था करें। अभिभावक इसलिए ज्यादा चिंतित है कि छात्रों को फ्लाइट नहीं मिल पा रही है। राजस्थान के गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसी यूक्रेन में फंसे प्रदेश के छात्रों के सकुशल घर वापसी के लिए अभिभावकों ने संपर्क नहीं किया है। अभिभावक संपर्क करते हैं तो राज्य सरकार भारत सरकार से बात करेगी। राजस्थान के छात्रों की सकुशल वापसी के प्रयास किए जाएंगे। गृह विभाग का कहना है कि लिखित सूचना के अभाव में हम भारत सरकार से सीधे बात नहीं कर सकते। अभिभावकों को गृह विभाग से संपर्क करना चाहिए।

अभिभावकों की चिंता, दूतावास से नहीं मिल पा रही मदद

अभिभावकों के अनुसार यूक्रेन के विभिन्न काॅलेजों और अभिभावकों ने छात्रों के अपने-अपने वतन जाने के लिए कह दिया है। लेकिन छात्रों और अभिभावकों की चिंता है कि उन्हें पूरी मदद नहीं मिल पा रही है। अभिभावकों का कहना है कि भारतीय दूतावास से बहुत ज्यादा सक्रिय मदद नहीं मिल पा रही है। अभिभावक दुआ कर रहे हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की नौबत नहीं आए। सभी छात्र सुरक्षित रहे। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी थी। भारतीय दूतावास के अनुसार यूक्रेन में देशभर के 20 हजार फंसे हुए है। इनमें से एक हजार छात्र राजस्थान के रहने वाले हैं। लेकिन मोटे अनुमान के अनुसार 3 से 4 हजार राजस्थानी उक्रेन में फंसे हुए है। कोटा, जयपुर, उदयपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों के छात्र स्वदेश नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में छात्रों के परिजन चिंतित हो गए है।

About The Author

Share

You cannot copy content of this page