लगातार बढ़ते हुए मोबाइल बिल से आपको जल्द राहत मिल सकती है। अगर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने सांसदों की बात को मानी तो जल्द आपके मोबाइल बिल में कटौती हो जाएगी और आपको कम मोबाइल बिल चुकाना होगा।दरअसल सांसदों ने ट्राई से मोबाइल इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क यानी आईयूसी को खत्म करने की अपील की है। ट्राई द्वारा आयोजित ओपन सेशन के दौरान सांसदों ने ट्राई से आईयूसी चार्ज को खत्म करने को कहा है। इस सत्र में शामिल दोनों सदनों के सदस्यों के अलावा टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने हिस्सा लिया। जिसमें इस आईयूसी चार्ज को पूरी तरह से खत्म करने की अपील की गई है।लोकसभा सांसद निनॉन्ग इरिंग ने इस सेशने में ट्राई को उसके पुराने वादे के बारे में याद दिलाते हुए कहा कि साल 2011 में देश की सर्वोच्च न्यायालय से ट्राई ने कहा था कि वह 2014 में मोबाइल कॉल्स पर टर्मिनेशन शुल्क समाप्त कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है।इरिंग ने कहा कि ट्राई को अपना वादा पूरा करते हुए इसे अब हटा देना चाहिए। आईयूसी चार्ज हटाने से ग्राहकों पर बिल का बोझ कम होगा और कॉल दरें और सस्ती हो सकेगी।वहीं कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि ट्राई को मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नियामक ने खुद शीर्ष अदालत में कहा था कि 2014 तक मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क पहले 10 पैसे कर देगी और बाद में इसे पूरी तरह से खत्म कर देगी, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ। इस सेशन के बाद ट्राई मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क को लेकर विचार कर रहा है।आपको बता दें कि मोबाइल इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क यानी आईयूसी वह चार्ज होता है, जो कॉलर का ऑपरेटर, रिसीविंग पॉर्टी के ऑपरेटर को चुकाता है। वर्तमान में प्रत्येक इनकमिंग कॉल पर 14 पैसे प्रति मिनट का आईयूसी लगता है। जिसे खत्म करने की बात कही जा रही है। वहीं एयरटेल, आइडिया वोडाफन जैसी कंपनियों का कहा है कि उनके नेटवर्क पर दूसरे नेटवर्क से आने वाली कॉल्स को पूरा कराने की लागत 30 से 35 पैसे प्रति मिनट बैठती है, जबकि उन्हें आईयूसी चार्ज उन्हें 14 पैसे प्रति मिनट मिलता है। ये कंपनियां चाहती है कि आईयूसी चार्ज में बढ़ोतरी हो सके, ताकि वो अपनी लागत निकाल सकें, जबकि रिलायंस जियो चाहती है कि आईयूसी चार्ज को पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए।