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बीकानेर संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल पीबीएम से जुड़ा एक मामला सामने आया है जिसमें बेडशीट धुलाई से सम्बंधित टेंडर प्रक्रिया से जुड़े सवाल उठ रहे है।

 

मामले को लेकर जब मीडिया साथियों ने बात करनी चाही तो पीबीएम अधीक्षक का फोन नो रिप्लाई मोड पर हो गया वही प्रिंसिपल डॉ गुंजन सोनी इस मामलें को लेकर कन्नी काटते नजर आए और अधीक्षक के अधिकार क्षेत्र में होने की बात कही।

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बेडशीट की धुलाई का कार्य बीकानेर की एक एजेन्सी 7 रुपये में कर के दे रही थी, वही काम अब तकनीकी दिक्कतों और नियमों को बताकर जयपुर की एक फर्म को दिया जा सकता है।

 

जिसकी रेट 16 रुपये और 17 रुपये वालों को दी जा रही हैं। टेंडर भरने वाली जयपुर की ये दोनों फर्म भी दो सगे भाइयों की है। मजे की बात तो यह है कि सात माह पहले निकले इस टेंडर को नियमों को ताक पर रखकर आज उस एजेंसी को आर्डर दिया भी जा सकता है।

 

नियम यह है कि किसी भी टेंडर के निकलने के बाद 90 दिनों बाद पुनः टेंडर निकालने की प्रक्रिया दोहराई जाती है, हालांकि इस मामलें में कई दफा 120 दिनों के नियम की भी बात डॉ गुंजन सोनी ने बताई।अब यह उठ रहा है कि पीबीएम प्रशासन की सांठ-गांठ से इस काम को अपने तरीके अंजाम दिया गया हैं ?

 

अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस टेंडर को लेकर गरमाये माहौल में शहर के जनप्रतिनिधि, अफसर क्या कदम उठाते है। हालांकि अब तक किसी भी कंपनी या फर्म के नाम से आर्डर जारी नही हुए है मगर शुरुआती करामात से लग यही रहा है कि मामला गड़बड़ है।

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