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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.in, बीकानेर। लोकदेवता बाबा रामदेव का मंदिर तो जैसलमेर के रुणिचा गाँव में स्थित है।  लोगों की आस्था बाबा रामदेव पर भरपूर है। लेकिन आप को पता है की बाबा रामदेव जी की पत्नी नैतल का पीहर कहाँ है ? चलिए आपको बताते है की रामदेव जी की पत्नी का पीहर बॉर्डर के उस पार मतलब पाकिस्तान के अमरकोट में है। वहां जाना तो कठिन है इसलिए जल्द ही इसका निर्माण होने जा रहा है।

 

कोलायत के सियाणा गाँव में होगा लोकदेवता रामदेवजी का ससुराल का निर्माण सियाणा गांव लोकदेवता बाबा रामदेव का ससुराल स्थल बनेगा। यहां लोकदेवता बाबा रामदेव और उनकी पत्नी नैतल की मूर्तियां लगेंगी। लोकदेवता बाबा रामदेव का सुसराल पाकिस्तान के अमरकोट में था। अमरकोट के महाराजा दलपतसिंह सोढ़ा की बेटी नैतल का विवाह पोकरण के बाबा रामदेव के साथ हुआ था। चूंकि अब नैतल रानी के मायके अमरकोट जाना मुश्किल है इसलिए अब नैतल की मायका और लोकदेवता बाबा रामदेव का ससुराल सियाणा में बनाया जा रहा है।

सियाणा के बाबा रामदेव और नैतल की मूर्तियां लगाकर इस मंदिर काे तीर्थस्थल का रूप दिया जाएगा। इसके लिए सियाणा में रामदेवजी का ससुराल स्थल रूपी राष्ट्रीय तीर्थ के रूपाराम, अमूराम, अनाराम पुत्र धुडाराम और गुलाब नायक ने 2 बीघा जमीन दान की है। अब इस पर तीर्थस्थल का निर्माण शुरू होगा। इस पर करीब 7 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

 

अंतरराष्ट्रीय द्वारिका रणुजा संगम संस्थान के संस्थापक प्रकाश सुखलेचा ने बताया कि सियाणा में नैतल रानी का पीहर को तीर्थस्थल का रूप देंगे। वहीं मंदिर बनाने में योगेश रावत, राजेश चूरा, राजेश गुप्ता, हनुमान गहलोत, शंकर सिंह ठाकुर, मोहित भाई चौहान, मध्यप्रदेश गुजरात से मोहनभाई मणिभाई परमार, अशोक प्रजापत, किशोर भाई, महाराष्ट्र से विजय कोठारी, चंचल महेश राठी, दामोदर राठी, आशीष राठी, अंशुल राठी, रक्षा लतिस भूतड़ा आदि के सहयोग है।

 

सियाणा जाना जाता है भैरव धाम के रूप में :


बीकानेर से 70 किमी दूर है कोलायत तहसील का सियाणा गांव। यह भैरव मंदिर के लिए भी जाना जाता है। सियाणा भैरव मंदिर में भादवा माह में मेला भरता है। अब रामदेव का ससुराल का धाम भी बन जाने से यहां दो मेले भरेंगे। मुख्य मंदिर 60 गुणा 90 स्क्वेयर स्क्वाएर फीट का होगा। इसमें 15 गुना 15 का गर्भगृह होगा। इसके अलावा मंदिर में एक प्रवेश द्वार और निकासी के 2 द्वार होंगे। तीर्थस्थल के अंदर बड़ा बगीचा होगा। इसके अतिरिक्त 30 कमरों की एयरकंडीशन धर्मशाला होगी। तीर्थ की जमीन गुलाब नायक, अमूराम और ने दान दी है।

 

10 मई को होगा मंदिर के लिए नींव पूजन : बाबा रामदेव का ससुराल जो पाकिस्तान में रह गया। उसका स्वरूप बीकानेर के सियाणा गांव में बन रहा है। बाबा रामदेव और नैतल का विवाह अक्षय तृतीया को हुआ था। इसलिए मंदिर की नींव भी इसी दिन डाली जाएगी। इसलिए 10 मई को इस तीर्थस्थल की नींव डाली जाएगी।

 

अब तक संस्था ने लगवाई 43 हजार मूर्तियां :
बाबा रामदेव और डाली बाई की 43 हजार मूर्तियां लगवाईं अंतरराष्ट्रीय द्वारिका रणुजा संगम संस्थान की स्थापना 1990 में हुई थी। वर्तमान में लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक सदस्य हैं। संस्थान द्वारा बाबा रामदेव की पूरे देश में अब तक 43 हजार मूर्तियां आधी कीमत अथवा कहीं-कहीं निशुल्क भी स्थापित करवाई है। संस्थापक प्रकाश सुखलेचा ने बताया कि लोकदेवता बाबा रामदेव की महिमा का बखान करना व जीव दया के सेवा कार्य करना है। संस्थान द्वारा रूणीचा निज मंदिर में डाली बाई समाधि स्थल पूरा तैयार कर मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई थी। डाली बाई जाल मंदिर और बाबा रामदेव घुड़साल में मूर्तियां लगवाई गई। तीर्थ वीरमदेवरा में सम्पूर्ण मूर्तियां लगवाई।

 

यहां लगे चित्र बताएंगे बाबा रामदेव और नैतल के मिलन की कहानी :
खास बात यह है कि पीहर के इतिहास जैसे बाबा रामदेव से प्रथम मिलन, नैतलरानी की चंवरी सहित कई दृश्यों को मूर्तियों और चित्रकारी के माध्यम से भी दर्शाया जाएगा। तीर्थस्थली को भव्य बनाने व श्रद्धालुओं के लिए भोजनशाला, 4 तले की धर्मशाला की सुविधाओं के साथ घुड़ सवारी व ऊंट सवारी भी आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इस तीर्थस्थली का भूमि पूजन 10 मई को किया जाएगा। इसके बाद मंदिर का निर्माण प्रारंभ कर दिया जाएगा। लगभग 7 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मंदिर निर्माण में संस्था के सदस्यों के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से बाबा के भक्तों द्वारा सहयोग किया जा रहा है।

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