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साहित्यकारों ने किए हजारी प्रसाद द्विवेदी को श्रद्धा सुमन  अर्पित

बीकानेर hellobikaner.in हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार, उपन्यासकार और अनेक विधाओं के पुरोधा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की114 वीं जयंती पर प्रज्ञालय संस्थान बीकानेर व शबनम साहित्य परिषद सोजत द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धा से याद किया।

 

ई संवाद के तहत आयोजित कार्यक्रम में शबनम साहित्य परिषद के अध्यक्ष अब्दुल समद राही ने कहा कि द्विवेदी ने हिंदी साहित्य को खूब ऊंचाइयां प्रदान की है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा बीकानेर ने कहा कि द्विवेदी के साहित्य में मानवता का परिशीलन सर्वत्र दिखाई देता है। उनके निबंध तथा उपन्यासों में यह दृष्टि विशेष रूप से प्रतीत होती है।

 

 

वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र लखावत ने कहा कि द्विवेदी जी का हिंदी निबंध और आलोचनात्मक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है। वे उच्च कोटि के निबंधकार और सफल आलोचक हैं। पूर्व खेल अधिकारी सतु सिंह भाटी ने द्विवेदी का परिचय देते हुए बताया कि उनका जन्म 19 अगस्त 1907 व निधन 19 मई 1979 को हुआ वह ताउम्र साहित्य की सेवा करते रहें कार्यक्रम में कासिम बीकानेरी,  पुखराज सोलंकी डॉ फारूख चौहान, गिरिराज पारीक, ने हजारी प्रसाद द्विवेदी को महान् साहित्य पुरोधा बताया।
माजिद खान गौरी जैसलमेर विजय जोशी कोटा दिनेश सोलंकी फखरे आलम खान मेरठ आदि ने अपनी महती भूमिका निभाई आभार की रस्म प्रज्ञा ले संस्थान के सुमित रंगा ने अदा की।

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