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बीकानेर hellobikaner.in शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने रविवार को उत्तरी राजस्थान सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (उरमूल डेयरी) में 500 किलो वाट के सोलर ग्राउंड माउंटेड प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ. कल्ला ने कहा कि राजस्थान में सोलर के माध्यम से 1 लाख 42 हजार मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता है।

 

राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में गंभीरता से कार्य किया जा रहा है तथा जल्दी ही प्रदेश में सौर ऊर्जा के माध्यम से 30 हजार मेगा वाट बिजली पैदा होने लगेगी। इससे बिजली के दामों में गिरावट आएगी और विद्युत का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा। उन्होंने बीकानेर में पवन ऊर्जा के माध्यम से बिजली बनाने की संभावनाओं पर काम करने और सौर ऊर्जा संयंत्रों पर सोलर बैटरी के उपयोग का आह्वान भी किया। साथ ही आमजन से घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने की अपील की।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार राज्य सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर दूध पर अनुदान राशि 2 रुपए से बढ़ाकर 5 रुपए कर दी गई है। इससे दुग्ध उत्पादकों संबल मिलेगा और अधिक गुणवत्तापरक दूध उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सोलर प्लांट से डेयरी को प्रतिवर्ष लगभग 48 लाख रुपए की बचत होगी। इससे डेयरी आत्मनिर्भर बन सकेगी। उन्होंने सहकारिता की भावना के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।

उरमूल डेयरी के प्रबंध संचालक एसएन पुरोहित ने बताया कि 500 किलोवाट के सोलर संयंत्र की स्थापना में उरमूल द्वारा राशि वहन नहीं की गई है। पच्चीस वर्ष के पीपीए अनुबंध के तहत स्टार्ट सोलर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इसका निर्माण करवाया गया है तथा इस अवधि में इसकी देखभाल भी कम्पनी द्वारा ही की जाएगी। उन्होंने बताया कि सोलर संयंत्र की स्थापना से प्रतिमाह 70 हजार यूनिट बिजली बनेगी। इससे प्लांट को प्रतिमाह लगभग 4 लाख रुपए की बचत होगी।

स्टार्ट सोलर प्राइवेट लिमिटेड के एमडी राकेश सांगवा ने बताया कि कंपनी पिछले 15 वर्षों से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रही है। कंपनी का लक्ष्य अगले एक वर्ष में सौर ऊर्जा के माध्यम से 100 मेगावाट बिजली बनाना है।
स्टार्ट सोलर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य विपणन अधिकारी सुशील सिंह ने आगंतुकों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन सलीम भाटी ने किया।

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