जयपुर hellobikaner.in मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की जनता को उपचार के महंगे खर्च से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य राजकीय अस्पतालों के साथ-साथ लोगों को निजी अस्पतालाें में भी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं कैशलेस उपलब्ध कराना है। उन्होंने निर्देश दिए कि डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से सभी पात्र परिवारों को इस योजना से जोड़ा जाना सुनिश्चित करें।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फे्रंस के माध्यम से मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना का व्यापक लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी है कि शहरों के साथ-साथ निचले स्तर तक बडे़ और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं वाले अधिकाधिक निजी अस्पतालों को इस योजना में जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि एक भी जरूरतमंद पात्र परिवार योजना में रजिस्टे्रशन से वंचित नहीं रहे। जिन परिवारों का जनआधार पंजीयन हो चुका है, उन्हें आवश्यक रूप से योजना में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना तथा निरोगी राजस्थान जैसी योजनाओं के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी योजना है, जो यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम है। प्रदेश के 1 करोड़ 33 लाख परिवार इस योजना से अब तक जुड़ चुके हैं। एनएफएसए तथा सामाजिक-आर्थिक जनगणना, कोविड अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले परिवारों, संविदाकर्मी, लघु एवं सीमांत कृषकों का इस योजना में बिना किसी प्रीमियम के निशुल्क रजिस्टे्रशन किया गया है, जबकि अन्य पात्र परिवारों को भी मात्र 850 रूपए में ही 5 लाख रूपए के कैशलेस बीमा की सुविधा प्रदान की है।
गहलोत ने कहा कि लोगों को अस्पताल में इस योजना का लाभ लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं आए, इसके लिए वहां हैल्प डेस्क स्थापित की जाएं। साथ ही अस्पतालों में रोगियों और उनके परिजनों को योजना से संबंधित तमाम जानकारी उपलब्ध करवाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि योजना के सफल संचालन के लिए हर स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि चिरंजीवी योजना प्रदेशवासियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण निर्णय है। विभाग उनकी मंशा के अनुरूप इस योजना का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि योजना में निरंतर अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है, ताकि लोगों को अपने नजदीकी स्थान पर ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि अब तक 1 लाख 46 हजार से अधिक मरीजों को योजना के तहत 190 करोड़ रूपए से अधिक का निशुल्क उपचार प्रदान किया गया है। योजना में क्लेम की संख्या लगातार बढ़ रही है।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से जुडे़ अस्पतालों में योजना के तहत 42 करोड़ रूपए के क्लेम निस्तारित किए जा चुके हैं और नियमित रूप से योजना की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में दाखिल होने वाले रोगियों की तुलना में क्लेम के अनुपात को लगातार बेहतर किया जा रहा है।
स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की सीईओ अरूणा राजोरिया ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि गाइडलाइन में संशोधन कर निजी अस्पतालों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। एक जुलाई से अब तक 85 नए अस्पताल एम्पेनल्ड किए जा चुके हैं। इस प्रकार कुल 479 निजी अस्पताल योजना में जुड़ चुके हैं, इनमें बडे़ अस्पताल भी शामिल हैं। कोविड की दूसरी लहर के दौरान जिन लाभार्थियों से राशि लेने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, उसे गंभीरता से लेते हुए रिफण्ड दिलाया गया है। अब तक 267 लाभार्थियों को रिफण्ड मिल चुका है।
बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के ज्वाइंट सीईओ कानाराम, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।