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कोलकाता में 21 फरवरी को आयोजित होगा सम्मान समारोह, अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन ने की घोषण।

हैलो बीकानेर न्यूज नेटवर्क, www.hellobikaner.com, लूणकरणसर, लोकेश बोहरा। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन, कोलकाता की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित केदारनाथ भागीरथी देवी कानोड़िया राजस्थानी बाल साहित्य सम्मान के लिए इस बार महाजन के मूल निवासी चर्चित कवि कहानीकार और बाल साहित्य लेखक डॉ.मदन गोपाल लढ़ा को चुना गया है।

 

 

सम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार निर्णायक मंडल की सर्वसम्मत संस्तुति के आधार पर डॉ मदन गोपाल लढ़ा को मारवाड़ी सम्मेलन का बाल साहित्य सम्मान आगामी 21 फरवरी को विश्व मातृभाषा दिवस पर कोलकाता में आयोजित समारोह में अर्पित किया जाएगा।

 

लूणकरणसर क्षेत्र में सरोकार के माध्यम से कला, साहित्य में प्रतिभाओं को मंच देने वाले सरोकार, समन्वयक राजूराम बिजारणियां ने बताया कि सरोकार से जुड़े डॉ.मदन गोपाल लढ़ा राजस्थान की नई पीढ़ी के चर्चित कवि कहानीकार और आलोचक है। मातृभाषा राजस्थानी और हिंदी में उनकी एक दर्जन से अधिक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें राजस्थानी में चीकणा दिन, च्यानण पख और हिंदी में सुनो घग्घर और हरे रंग का मफलर विशेष रूप से चर्चित रही हैं।

 

 

केंद्रीय साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित हो चुके मदन गोपाल लढ़ा की राजस्थानी बाल कहानियों की तीन कृतियां सपनै री सीख, दादीमा री लाडली और फाइव स्टार प्रकाशित हो चुकी हैं।

 

सरोकार से जुड़े डॉ. हरिमोहन सारस्वत ‘रूंख’, बाल साहित्यकार आशा शर्मा रामजीलाल घोड़ेला, कान्हाराम शर्मा, दुर्गाराम स्वामी, केवल शर्मा, अजय थोरी सहित क्षेत्र के रचनाकर्मियों ने इस उपलब्धि पर हर्ष जताया है।

 

 

गौरतलब है कि अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन, कोलकाता की ओर से प्रतिवर्ष राजस्थानी बाल साहित्य में श्रेष्ठ लेखन के लिए एक साहित्यकार को सम्मानित किया जाता है। सम्मान के रूप में सम्मेलन की ओर से प्रशस्ति पत्र के साथ इक्कीस हजार रुपयों की राशि अर्पित की जाती है।

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