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बीकानेर।  पनाह ए जुनून की छह दिवसीय काव्य कार्यशाला का दिनांक 8 जून 2019 को सफल समापन हुआ। कार्यशाला की शुरुआत 3 जून को हुई इसका शुभारंभ करते हुए शशांक शेखर जोशी ने कवि होने के नाते विषय पर विचार साझा किए। वहीं अगले दिन के सत्र में प्रमोद शर्मा ने कविता और मौलिकता पर उन बिंदुओं का विवरण किया जिससे हम अपने ऐसे विचारों को व्यक्त करने में सशक्त हो सकें जिससे कालजयी कविता का सृजन हो।
तीसरे दिन डॉक्टर अखिलेश पांडे ने कविता के रंग विषय पर  विचार रखे। उसी सत्र में कमल रंगा ने मातृ भाषा राजस्थानी में परम्परागत कविता बनाम राज्य विषय पर अपने उद्गार रखे।  चौथे दिन हरीश बी शर्मा ने समकालीन कविता विषय पर विस्तृत चर्चा की।

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कार्यशाला के पांचवे दिन के सत्र में मधु अचार्य ‘आशावादी’ ने साहित्य बनाम समाज और बाजार विषय पर अपने विचार व्यक्त किए और समाज से जुड़ते साहित्य और उसके बाजार पर रोशनी डाली। आज इसके समापन समारोह में मुख्य अतिथि व वक्ता के रूप में राजेन्द्र जोशी ने युवाओं को कविता के सकारात्मक और उजले स्वरूप को सामने रखते हुए समकालीन काव्यधारा में अपना योगदान देने के लिए जोर दिया।
समापन समारोह में कार्यशाला में सम्मिलित हुए सभी 20 युवा कवियों को प्रमाणपत्र और उपहार भेंट किये गए। वहीं कार्यशाला में सम्मिलित हुए वक्ताओं का सम्मान भी किया गया।

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