जब-जब पृथ्वी पर असुरों आतंक मचाया, तब-तब भगवान ने अवतार
हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.in, श्रीबालाजी। भोग व मोक्ष सब भगवान ही प्रदत्त करते हैं और जब-जब पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। यह उद्गार बुधवार को को रामस्नेही सम्प्रदायाचार्य सींथल पीठाधीश्वर पूज्य श्रीक्षमारामजी महाराज ने श्रीबालाजी स्थित हुक्मारामजी की ढाणी (कथा स्थान) श्रीमद्भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए।
श्रीक्षमारामजी महाराज ने श्रीकृष्ण के जीवन गाथा का विवरण करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया। नन्हें कृष्ण यानि कान्हा ने सातवें दिन पूतना को मौत की नींद सुला दिया। तीन महीने के थे तो कान्हा ने व्योमासुर को मार गिराया। महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन सुनाया। सत्संग समिति श्रीबालाजी तथा माकड़ परिवार द्वारा आयोजित इस कथा आयोजन में हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
कथा आयोजन से जुड़े प्रदीप सुथार ने बताया कि समिति की ओर से कथा सुनने वाले सभी श्रद्धालुओं को एक वृक्ष, पक्षियों के पानी पीने का माटी का एक बर्तन नि:शुल्क उपहार में दिया जाता है। कथा आयोजन में हीरालाल माकड़, उगमाराम कुलरिया, भंवर कुलरिया, उगमाराम नागल, छोगाराम बिरलोका, मगाराम कुलरिया, सुखदेव माकड़, मोहनलाल, सूरजमल सुथार, बाबूलाल, कानाराम, मुन्नीराम, नंदकिशोर, अशोक, भंवरलाल आदि श्रद्धालुओं का सान्निध्य रहा। इसके साथ ही हनुमान नगर श्रीबालाजी, गोगेलाव, सेवाड़ी, नागौर गुडा भगवानदास, नोखा सिलवा, रोहिणी, घंटीलासर से अनेक श्रद्धालु पहुंचे।